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Earlier in August, Emergent had said the FDA had last inspected its facility at Camden in February and was waiting for the agency's feedback.
Russia-Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ गया है. दोनों ही देशों से भारत के कारोबारी संबंध हैं और यहां के कारोबारी दवाइयों को निर्यात करते हैं. हालांकि अभी रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते भारतीय फार्मा इंडस्ट्री 'वेट एंड वॉच' मोड में है. इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक इन रूस और यूक्रेन समेत सीआईएस के कुछ देशों से नए ऑर्डर के लिए अभी सही समय का इंतजार किया जा रहा है. सीआईएस (कॉमनवेल्थ ऑफ इंडेपेंडेंट स्टेट्स) में सोवियत संघ से अलग हुए देश हैं. दवाइयों के निर्यात पर अभी कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन फार्मा इंडस्ट्री युद्ध के चलते पेमेंट फंसने के डर से अभी स्थिति सुधरने का इंतजार कर रही हैं. वहीं रूस और यूक्रेन की बात करें तो यूक्रेन से भारतीय फार्मा इंडस्ट्री का कारोबार रूस के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ा.
रूस के मुकाबले यूक्रेन से अधिक बढ़ा कारोबार
वित्त वर्ष 2021 में भारत ने यूक्रेन को 18.1 करोड़ डॉलर (1369.19 करोड़ रुपये) की दवाइयां निर्यात किया था जो वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले 44 फीसदी अधिक रहा. वहीं रूस की बात करें तो वित्त वर्ष 2021 में भारत ने 59.1 करोड़ डॉलर (4470.68 करोड़ रुपये) की दवाइयां निर्यात किया था जो उसके पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 6.95 फीसदी अधिक रहा. ये आंकड़े कॉमर्स डिपार्टमेंट के फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (Pharmexcil) के हैं और इसके मुताबिक रूस के मुकाबले यूक्रेन से फार्मा इंडस्ट्री का कारोबार अधिक तेजी से बढ़ा.
पेमेंट फंसने के डर से फार्मा कंपनियां 'वेट एंड वॉच' मोड में
डॉ रेड्डीज लैब के एक अधिकारी ने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और अभी सबसे पहली प्राथमिकता रूस व यूक्रेन के बीच जंगी माहौल से प्रभावित इलाके में अपने कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से उनकी मौजूदगी है. उन्होंने मरीजों की जरूरतों को पूरा करने व कारोबार जारी रखने के अलावा अपने कर्मियों की सुरक्षा को टॉप प्रॉयोरिटी बताया. एक और फार्मा कंपनी के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि अभी दवाइयों के निर्यात को लेकर कोई प्रतिबंध तो नहीं है लेकिन अभी स्थिति पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि युद्ध के चलते प्रभावित इलाकों से पेमेंट प्रभावित नहीं होना चाहिए जिसके चलते कुछ समय तक इंतजार करना उचित है.
(इनपुट: पीटीआई)