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Vijaya Diagnostic के शेयरों की मार्केट में सुस्त शुरुआत, निवेशकों को मिला महज 2% लिस्टिंग गेन

Vijaya Diagnostic Listing: दक्षिण भारत की प्रमुख डायग्नोस्टिक चेन विजया डायग्नोस्टिक सेंटर की आज घरेलू शेयर मार्केट में धीमी शुरुआत हुई.

Vijaya Diagnostic Listing: दक्षिण भारत की प्रमुख डायग्नोस्टिक चेन विजया डायग्नोस्टिक सेंटर की आज घरेलू शेयर मार्केट में धीमी शुरुआत हुई.

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FE Online
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Vijaya Diagnostic Lisiting Vijaya Diagnostic shares make muted stock market debut jump 2 percent from IPO price on opening

विजया डायग्नोस्टिक के शेयर आईपीओ प्राइस के मुकाबले करीब 2 फीसदी प्रीमियम यानी 542.3 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए. (Image- Reuters)

Vijaya Diagnostic Listing: दक्षिण भारत की प्रमुख डायग्नोस्टिक चेन विजया डायग्नोस्टिक सेंटर की आज घरेलू शेयर मार्केट में धीमी शुरुआत हुई. इसके शेयर आईपीओ प्राइस के मुकाबले करीब 2 फीसदी प्रीमियम यानी 542.3 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए और निवेशकों को 531 रुपये के आईपीओ प्राइस के मुकाबले अपने निवेश पर महज 2.13 फीसदी का लिस्टिंग गेन मिला. लिस्टिंग के बाद इसने डॉ लाल पैथ लैब्स और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की लीग ज्वाइन कर लिया है.

इसके 1895 करोड़ रुपये के आईपीओ को महज 4.58 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) का था यानी कि इसके तहत निवेशकों को कोई नया शेयर नहीं जारी किया गया है. ग्रे मार्केट की बात करें तो लिस्टिंग के पहले इसके शेयर डिस्काउंट पर ट्रेड हो रहे थे.

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80 डायग्नोस्टिक सेंटर्स के जरिए सर्विसेज उपलब्ध

विजया डायग्नोस्टिक सेंटर ग्राहकों को पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्टिंग सर्विसेज उपलब्ध कराती है. इसके तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता के 13 शहरों और नगरों में 80 डायग्नोस्टिक सेंटर्स और 11 रिफरेंस लेबोरेटरीज के जरिए अपने कस्टमर्स को सेवाएं उपलब्ध कराती है. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी को 84.94 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था जबकि उसके पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में 62.5 करोड़ रुपये का. पिछले दो वित्त वर्ष में कंपनी की कुल आय 354.18 करोड़ रुपये से बढ़कर 388.59 करोड़ रुपये हो गई.

डायग्नोस्टिक सर्विसेज में बेहतर ग्रोथ का आकलन

स्वास्थ्य से जुड़े खर्चों में डायग्नोस्टिक सर्विसेज की हिस्सेदारी 8-14 फीसदी है. इलाज को लेकर इसका मार्केट शेयर लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि इलाज के पहले से लेकर इलाज के बाद तक डायग्नोस्टिक सर्विसेज की जरूरत पड़ती है. पिछले कुछ वर्षों में इस इंडस्ट्री में बेहतर ग्रोथ दिखी है. वित्त वर्ष 2020 और 2023 के बीच इंडस्ट्री के 12-13 फीसदी सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़कर 92 हजार-98 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है. हालांकि इस इंडस्ट्री की सीएजीआर वित्त वर्ष 2021-2023 के बीच 14-16 फीसदी पहुंच सकती है क्योंकि वित्त वर्ष 2021 में कोरोना महामारी के चलते ग्रोथ सुस्त हुई थी.

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