scorecardresearch

Covid-19 Vaccine: डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की दो डोज से बेहतर सुरक्षा, ब्रिटेन में एक स्टडी में हुआ खुलासा

कोरोना वैक्सीन की दो डोज डेल्टा वैरिएंट के चलते अस्पताल में भर्ती होने की नौबत न आने देने में प्रभावी है. इसके अलावा स्टडी में सामने आया है कि जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है, इस वैरिएंट के चलते उनकी मौत नहीं हुई है.

कोरोना वैक्सीन की दो डोज डेल्टा वैरिएंट के चलते अस्पताल में भर्ती होने की नौबत न आने देने में प्रभावी है. इसके अलावा स्टडी में सामने आया है कि जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है, इस वैरिएंट के चलते उनकी मौत नहीं हुई है.

author-image
FE Online
New Update
AstraZeneca vs Delta variant of Covid-19 Two doses found crucial

भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट के चलते स्थिति बिगड़ी और डेल्टा वैरिएंट ने ब्रिटेन में संक्रामकता के मामले में अल्फा वैरिएंट को पीछे कर दिया.

ब्रिटेन में एक स्टडी के दौरान यह बात सामने आई है कि वैक्सीन कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के विरुद्ध प्रभावकारी है. भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट के चलते स्थिति बिगड़ी और डेल्टा वैरिएंट ने ब्रिटेन में संक्रामकता के मामले में अल्फा वैरिएंट को पीछे कर दिया. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा प्रकाशित नए साइंटिफिक एनालिसिस में पाया गया है कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज B.1.617.2 (Delta Variant) के चलते अस्पताल में भर्ती होने की नौबत न आने देने में प्रभावी है. इसके अलावा स्टडी में सामने आया है कि जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है, इस वैरिएंट के चलते उनकी मौत नहीं हुई है. इस एनालिसिस का अभी पीअर रिव्यू किया जाना बाकी है.

स्टडी में दो डोज के बाद हॉस्पिटलाइजेशन की स्थिति आने से रोकने में फाइजर-बॉयोएनटेक की एमआरएनए वैक्सीन को 96 फीसदी और ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को 96 फीसदी प्रभावी पाया गया. डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था.

इस तरह की गई एनालिसिस

Advertisment

लंदन स्कूल ऑफ हाईजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और लंदन के गाइज एंड सेंट थॉमस एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के रिसर्चर्स ने 12 अप्रैल और 4 जून के बीच सभी लक्षणों वाले कोरोना केसेज की इमरजेंसी केयर डेटासेट (ECDS) से तुलना की. इस डेटा सेट में इंग्लैंड में इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भर्ती होने वाले मरीजों का रिकॉर्ड रखा जाता है. एनालिसिस में डेल्टा वैरिएंट के 14,019 मामलों में सिर्फ 166 हॉस्पिटलाइज्ड पाए गए.

एनालिसिस में पाया गया कि अल्फा वैरिएंट के समान ही डेल्टा वैरिएंट के चलते हॉस्पिटलाइजेशन की स्थिति को रोकने में फाइजर वैक्सीन की पहली डोज 64 फीसदी और दूसरी डोज 96 फीसदी प्रभावी है. वहीं ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली डोज 71 फीसदी और दूसरी डोज 92 फीसदी प्रभावी है. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की कोवीशील्ड भारत में लगाई जा रही है.

भारत में कोविड-19 टीकाकरण के बाद पहली मौत की पुष्टि, लेकिन जानकारों ने कहा, जोखिम से कहीं ज्यादा हैं फायदे

लैसेंट की स्टडी में भी ऐसा दावा

अल्फा वेरिएंट के मुकाबले कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंटअस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को दोगुना करता है. लेकिन Pfizer और AstraZeneca की वैक्सीन स्ट्रेन के खिलाफ अच्छी सुरक्षा देती हैं. The Lancet जरनल में छपी एक स्टडी में यह बात सामने आई है. यह विश्लेषण 1 अप्रैल से 6 जून 2020 की अवधि में 19,543 कन्फर्म SARS-CoV-2 संक्रमितों पर किया गया जिसमें से 377 को कोविड-19 के लिए स्कॉटलैंड में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. करीब 7,723 मामले और अस्पताल में भर्ती 134 कोरोना मरीजों में कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट पाया गया. स्टडी में पाया गया है कि Pfizer वैक्सीन अल्फा वेरिएंट के खिलाफ 92 फीसदी और डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ 79 फीसदी सुरक्षा देती है. यह सुरक्षा दूसरी डोज लगने के दो हफ्तों बाद मिलती है.

Pfizer, AstraZeneca की कोरोना वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ देती हैं सुरक्षा, The Lancet की स्टडी में सामने आई बात