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बासवराज एस बोम्मई को कर्नाटक का नया सीएम बनाया गया है.
Karnataka’s new Chief Minister : बीजेपी के लिंगायत नेता बासवराज एस बोम्मई( Basavaraj S Bommai) कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री होंगे. कर्नाटक बीजेपी के विधायक दल की बैठक में उन्हें सीएम बनाने पर मुहर लग गई. इससे पहले सोमवार को बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया था. बोम्मई येदियुरप्पा के नजदीकी और विश्वासपात्र रहे हैं. बोम्मई को सीएम बनाने का ऐलान केंद्रीय मंत्री और पार्टी के पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में हुआ.
बोम्मई ने कहा, मुझ पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी
धर्मेंद्र प्रधान ने पीटीआई से कहा कि येदियुरप्पा ने खुद बोम्मई को सीएम बनाने प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव को गोविंद कारजोल, आर. अशोक. के.एस ईश्वरप्पा. बी श्रीरामालु, एस टी सोमशेखर और पूर्णिमा श्रीनिवास का समर्थन हासिल है. बाद में मीडिया से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि मौजूदा हालात में उन पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, मैं राज्य के गरीबों के लिए काम करने की पूरी कोशिश करूंगा. यह जनता और गरीब समर्थक सरकार होगी. 61 वर्षीय बासवराज बोम्मई कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एसआर बोम्मई के बेटे हैं. उन्हें येदियुरप्पा का विश्वासपात्र माना जाता है. वह येदियुरप्पा की तरह ही लिंगायत समुदाय से हैं. लिंगायत समुदाय का राज्य की राजनीति में गहरा असर है. माना जा रहा है कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने नया मुख्यमंत्री भी इसी समुदाय से चुना.
जेडी (एस) छोड़ कर बीजेपी में आए थे बोम्मई
जनता दल सेक्युलर (JD-S) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बोम्मई पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई (SR Bommai) के बेटे हैं. बासवराज बोम्मई 2018 में बीजेपी में शामिल हुए थे. 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वह हावेरी जिले के शिगगांव विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे. बासवराज को साफ-सुथरी छवि का नेता माना जाता है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इंजीनियर के तौर पर टाटा ग्रुप के साथ की थी. उनको शिगगांव में देश की पहली 100 फीसदी पाइप वाली सिंचाई परियोजना को लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है. राज्य में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब एक पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे मुख्यमंत्री बन रहे हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
येदियुरप्पा ने क्यों दिया इस्तीफा?
पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा (B S Yediyurappa) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले उन्होंने दिल्ली आकर बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों और सरकार में बेटे की दखलंदाज के आरोपों के कारण उनसे इस्तीफा लिया गया. येदियुरप्पा की विदाई के पीछे केंद्र सरकार को दिए गए उस वादे को भी एक वजह बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने सत्ता में दो साल पूरे होने के बाद पद छोड़ने की बात कही थी. उन्हें राज्यपाल बनाने की भी पेशकश की गई. लेकिन उन्होंने यह मंजूर नहीं किया और वह कहा कि वह राज्य में बीजेपी को मजबूत बनाने के लिए काम करते रहेंगे.