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लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने निशाना साधा है कि 2024 में पीएम मोदी का कार्यकाल भी बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है.
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक अपने पद पर अब पांच साल तक बने रहे सकते हैं. केंद्र सरकार ने रविवार को दो अध्यादेशों के जरिए उनका अधिकतम कार्यकाल बढ़ाया है. इस अध्यादेश के पारित होने के पहले तक ये नियुक्तियां दो साल की तय अवधि के लिए होती थी. यह सेवा विस्तार दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद विशेष परिस्थितियों व नियुक्ति समिति की अनुशंसा के आधार पर एक-एक वर्ष के लिए तीन बार मिल सकती है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने रविवार को दो अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके बाद दोनों ही एजेंसियों के प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाकर अधिकतम पांच साल कर दिया गया. मोदी सरकार ने यह अध्यादेश संसद के शीत सत्र शुरू होने के महज दो हफ्ते पहले लाया है और अब इसे लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है. विपक्ष का कहना है कि सरकार संसद की भूमिका खत्म करना चाहती है.
ED प्रमुख को मिला सेवा विस्तार
सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया जब ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्र का कार्यकाल 19 नवंबर को खत्म होने वाला था लेकिन अब वह अपने पद पर बने रहेंगे. इससे पहले उन्हें एक सेवा विस्तार दिया जा चुका है. मिश्र 19 नवंबर 2018 को ईडी प्रमुख बने थे और दो साल का तय कार्यकाल खत्म होने के बाद राष्ट्रपति ने 13 नवंबर 2020 को उन्हें सेवा विस्तार दिया था.
इस सेवा विस्तार के खिलाफ एक एनजीओ ने याचिका दायर किया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में मिश्र की नियुक्ति को वैध कहा था लेकिन सरकार से आगे सेवा विस्तार देने से मना किया था. कोर्ट ने कहा था कि दो साल के तय कार्यकाल के बाद सेवा विस्तार विशेष परिस्थितियों में ही दिया जाना चाहिए जैसे कि कोई जांच पूरी करनी हो. ईडी निदेश की नियुक्ति सीवीसी एक्ट और सीबीआई निदेशक की नियुक्ति दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेबलिशमेंट एक्ट के तहत होती है.
विपक्ष ने अध्यादेश पर घेरा मोदी सरकार को
- अध्यादेश के जरिए ईडी और सीबीआई के निदेशकों का अधिकतम कार्यकाल बढ़ाए जाने के फैसले पर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह अध्यादेश सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति का एक और उदाहरण है. चौधरी उस समिति के सदस्य हैं जो सीबीआई निदेशक का चयन करती है. सीबीआई निदेशक की चयन समिति में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस (या चीफ जस्टिस द्वारा नामित कोई जज) और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होते हैं.
चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस से बाचतीत में कहा कि सरकार को लोकतंत्र के लिए कोई सम्मान नहीं है. उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या सरकार पुलिस स्टेट बनाना चाह रही है. चौधरी ने कहा कि बहुमत का हवाला देते हुए वे जो भी करना चाह रहे हैं, कर रहे हैं, किसी की राय नहीं ले रहे हैं. चौधरी ने कहा कि संसद ने वे आवाज उठाएंगे लेकिन संख्याबल सरकार के पास है, ऐसे में कोर्ट ही एकमात्र सहारा है. चौधरी ने निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी कह सकते हैं कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बहुत कुछ सीखा तो ऐसे में पीएम मोदी का कार्यकाल भी बढ़ाने के लिए 2024 में अध्यादेश लाया जा सकता है.
- राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार लगातार संसदीय प्रक्रिया का अतिक्रमण कर रही है. शर्मा ने कहा कि सरकार सत्र शुरू होने तक का इंतजार कर सकती थी. उन्होंने इसे न सिर्फ संसद बल्कि सुप्रीम कोर्ट का भी अनादर बताया.
- सीपीआईएम के आम सचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर कहा कि संसद सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है. इससे पहले ही सरकार ने अध्यादेश के जरिए सीबीआई और ईडी के प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाने वाला अध्यादेश पारित कर दिया. इस जल्दी को लेकर गड़बड़ी की आशंका दिख रही है.
- तृण्मूल के डेरेक ओब्रायन ने सवाल पूछा कि मोदी और शाह ने भारत में गुजरात मॉडल का वादा किया था तो क्या यही दिया जा रहा है?