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600 रुपये की Covishield vaccine दुनिया में सबसे महंगी, 150 रुपये के भाव पर भी कंपनी को हो रहा था मुनाफा

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए भारत में एक डोज की कीमत करीब 8 डॉलर रखी गई है जो प्रमुख देशों में सबसे अधिक है.

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए भारत में एक डोज की कीमत करीब 8 डॉलर रखी गई है जो प्रमुख देशों में सबसे अधिक है.

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FE Online
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According to the scientist, vaccine doses will be safe no matter when they are taken but will not provide any great "boosting" if given within less than a month or so of the previous dose.

According to the scientist, vaccine doses will be safe no matter when they are taken but will not provide any great "boosting" if given within less than a month or so of the previous dose.

Coronavirus vaccination in India: भारत में कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है और देश में रिकॉर्ड संख्या में कोरोना केसेज सामने आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इसके खिलाफ लड़ाई में भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसका तीसरा चरण 1 मई से शुरू होगा. 1 मई से 18 वर्ष का कोई भी शख्स कोरोना वैक्सीन की डोज लगवा सकेगा. देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की Covishield वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) बना रही है और निजी अस्पतालों के लिए इसकी कीमत 600 रुपये प्रति डोज रखी गई है यानी कि निजी अस्पतालों में इस वैक्सीन को लगवाने के लिए लोगों को प्रति डोज 600 रुपये चुकाने होंगे. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह प्राइस दुनिया भर में सबसे अधिक है. यह स्थिति तब है जब एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने कुछ समय पहले कहा था कि जब हर डोज की प्राइस 150 रुपये रखी गई थी तो कंपनी को मुनाफा हो रहा था. एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए भारत में एक डोज की कीमत करीब 8 डॉलर रखी गई है जो प्रमुख देशों में सबसे अधिक है.

हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि शुरुआती कीमत एडवांस फंडिंग पर आधारित थी और अब उसे उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अधिक निवेश की जरूरत है जिसके चलते इसके दाम बढ़ाए गए. सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है वैक्सीन के एक डोज की कीमत 600 रुपये रखी गई है जो अभी भी कई चिकित्सकीय उपचारों की तुलना में सस्ता है.

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400 रुपये की कीमत भी है अधिक

कुछ समय पहले तय किया गया था कि सीरम इंस्टीट्यूट केंद्र को 150 रुपये प्रति डोज और राज्यों को 400 रुपये प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन सप्लाई करेगी. हालांकि आज केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 150 रुपये (2.02 डॉलर) प्रति डोज की दर से इसे कंपनी से लेगी और फिर इसे राज्यों को बिना किसी कीमत के दिया जाएगा. हालांकि अगर 400 रुपये (5.30 डॉलर से अधिक) प्रति डोज की बात करें तो यह प्राइस भी अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देशों द्वारा एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए चुकाई जाने वाली कीमत से अधिक है. इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट भी दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश और सऊदी अरब को 5.3 डॉलर से कम भाव पर इसे निर्यात कर रहा है.

अब तक 13.83 करोड़ लोगों को लग चुकी है वैक्सीन

भारत में 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है. इसके तहत अब तक 13,83,79,832 लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. इसमें 92,68,027 स्वास्थ्यकर्मियों को पहली डोज और 59,51,076 स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी डोज दी चुकी है. इसके अलावा फ्रंटलाइन वर्कर्स की बात करें तो 1,18,51,076 लोगों को पहली डोज और 61,94,851 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. 45-60 साल के लोगों की बात करें तो 4,66,71,540 लोगों को पहली डोज और 21,32,080 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी हैं. 60 वर्ष से अधिक की उम्र के 4,91,45,265 लोगों को पहली डोज और 71,65,338 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है.