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कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण मार्च में शुरू होगा.
Covid19 Vaccination Phase 2: भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो चुका है. हेल्थवर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद अब सरकार वरिष्ठ नागरिकों व 45 वर्ष से अधिक के बीमार लोगों को मार्च से वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल करने जा रही है. इसे लेकर हेल्थ मिनिस्ट्री ने जानकारी दी है कि मार्च में शुरू हो रहे दूसरे चरण के रजिस्ट्रेशन में जिन लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी, उनका रजिस्ट्रेशन वैक्सीनेशन सेंटर पर भी हो सकेगा. इसके अलावा हेल्थ मिनिस्ट्री ने वैक्सीन की डोज लेने के लिए जरूरी आईडी की सूची भी जारी की है जिसमें आधार कार्ड, वोटर कार्ड भी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सरकारी वैक्सीनेशन केंद्रों पर वैक्सीन की डोज के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में 250 रुपये प्रति डोज का का शुल्क चुकाना होगा.
प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना वैक्सीन की एक डोज 250 रुपये में! केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
वैक्सीनेशन के लिए जरूरी एक आईडी
- आधार कार्ड
- चुनावी फोटो पहचान पत्र (वोटर कार्ड)
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के मामले में रजिस्ट्रेशन के समय दी गई फोटो ID (अगर आधार कार्ड या ईपीआईसी नहीं है तो)
- हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए ऑफिशियल आईडी जिस पर फोटो और जन्मतिथि हो
45- 59 उम्र वालों को comorbidity certificate देना होगा.
तीन तरीके से होगा रजिस्ट्रेशन
- एडवांस सेल्फ रजिस्ट्रेशन: को-विन 2.0 पोर्टल या आरोग्य सेतु ऐप के जरिए
- ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन: कोविड टीकाकरण केंद्र पर जाकर
- सुविधाजनक Cohort रजिस्ट्रेशन: स्वास्थ्य अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन्हें वैक्सीन लगाना है, उन्हें टीकाकरण केंद्रों तक लाया जाए.
प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन के लिए जरूरी सुविधाएं
केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पतालों को भी मंजूरी दी है. हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की सीजीएचएस, आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई और राज्य सरकार की बीमा योजनाओं के तहत आने वाले निजी अस्पतालों में वैक्सीन की डोज दी जाएगी. हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि निजी अस्पतालों में वैक्सीन की डोज के लिए कितना चार्ज देना होगा. इसके अलावा अस्पतालों को वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इन सुविधाओं का होना जरूरी है.
- वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए पर्याप्त जगह
- वैक्सीन रखने के लिए रेफ्रिजेरेशन की सुविधा
- वैक्सीनेटर और कर्मचारियों की अपनी टीम
- वैक्सीन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स को लेकर पर्याप्त तैयारी
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