scorecardresearch

इस राज्य के निजी अस्पतालों में फ्री कोरोना वैक्सीन नीति लांच करने की तैयारी, सीएसआर फंड के जरिए मिल सकती है राहत

Corona Vaccine in Private Hospital: प्राईवेट कंपनियां जो सीएसआर के तहत योगदान करती हैं, वे अपनी मर्जी के मुताबिक अस्पतालों का चयन कर सकती हैं कि किस अस्पताल को फंड देना है.

Corona Vaccine in Private Hospital: प्राईवेट कंपनियां जो सीएसआर के तहत योगदान करती हैं, वे अपनी मर्जी के मुताबिक अस्पतालों का चयन कर सकती हैं कि किस अस्पताल को फंड देना है.

author-image
PTI
New Update
The health ministry has reminded that vaccines are “disease-modifying” (mitigating) and not disease-preventing while cautioning that September and October will be crucial for management of the pandemic because of the festival calendar.

The health ministry has reminded that vaccines are “disease-modifying” (mitigating) and not disease-preventing while cautioning that September and October will be crucial for management of the pandemic because of the festival calendar.

Corona Vaccine in Private Hospital: भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है और इसके तहत सरकारी अस्पतालों में कोरोना की वैक्सीन फ्री में लगाई जा रही है. हालांकि निजी अस्पतालों में इसके लिए शुल्क लिया जा रहा है. अब तमिलनाडु सरकार राज्य में निजी अस्पतालों में फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव लांच करने की तैयारी चल रही है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमणियन ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सीएसआर फंड्स का इस्तेमाल किया जाएगा. एक निश्चित श्रेणी की मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को एक साल में सीएसआर के तहत एक निर्धारित राशि खर्च करनी होती है. यह निर्धारित कंपनी के पिछले तीन साल के औसतन सालाना नेट प्रॉफिट के कम से कम 2 फीसदी के बराबर होती है.

कंपनियां अपनी मर्जी से चुन सकेंगी अस्पताल

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसे लेकर कोयंबटूर, तिरुपुर, इरोड और सलेम के 117 निजी अस्पतालों से बातचीत हो चुकी है और जल्द ही इन शहरों के निजी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन फ्री में लगाई जाएगी. इसके बाद राज्य के अन्य हिस्सों के निजी अस्पतालों में इसे लागू किया जाएगा. प्राईवेट कंपनियां जो सीएसआर के तहत योगदान करती हैं, वे अपनी मर्जी के मुताबिक अस्पतालों का चयन कर सकती हैं कि किस अस्पताल को फंड देना है.

Advertisment

Gift Deed vs Will: गिफ्ट डीड या वसीयत? प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए कौन सा विकल्प है बेहतर, इन आधार पर लें अपना फैसला

डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर्स और इंडस्ट्रीज करेंगे मॉनिटरिंग

स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक अब तक राज्य सरकार को 61 लाख रुपये मिले हैं और इससे 7800 लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर्स और इंडस्ट्रीज को इस स्कीम को मॉनीटर करना चाहिए. भाजपा विधायक वनथि श्रीनिवासन द्वारा फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए उपलब्ध कराए गए वॉयल्स को निजी अस्पतालों को सौंपे जाने के आरोपों का स्वास्थ्य मंत्री ने खंडन किया और कहा कि अगर यह साबित होता है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. तमिलनाडु को 12 करोड़ डोज की जरूरत है जिसमें से अब तक उसे 1.80 करोड़ डोज मिले हैं और पांच दिनों के भीतर अतिरिक्त वैक्सीन पहुंचने वाली है.