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देश के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है. औद्योगिक उत्पादन (IIP) की वृद्धि दर फरवरी के दौरान सात महीने में सबसे ज्यादा 4.5 फीसदी रही है. गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इसकी मुख्य वजह खनन, मैन्युफैक्चरिंग के साथ बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी है. IIP के आधार पर फैक्ट्री आउटपुट की ग्रोथ फरवरी 2019 में 0.2 फीसदी थी. जुलाई 2019 में इसमें 4.9 फीसदी की ग्रोथ देखी गई. पिछले महीने जनवरी 2020 के प्रोविजनल डेटा में IIP ग्रोथ 2 फीसदी की रही थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़े के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उत्पादन इस साल फरवरी में 3.2 फीसदी बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 0.3 फीसदी की गिरावट आई थी. बिजली उत्पादन आलोच्य महीने में 8.1 फीसदी बढ़ा जबकि फरवरी 2019 में इसमें 1.3 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
खनन क्षेत्र में 10% की तेजी
खनन क्षेत्र का उत्पादन इस साल फरवरी में 10 फीसदी की दर से बढ़ा जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 2.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी. पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान आईआईपी वृद्धि दर घटकर 0.9 फीसदी रही जबकि इससे पहले 2018-19 की इसी अवधि में इसमें 4 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
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इन सेक्टर्स में घटा उत्पादन
फरवरी के डेटा के मुताबिक कैपिटल गुड्स का उत्पादन, जो निवेश का बैरोमीटर है, वह 9.7 फीसदी घट गया जबकि पिछले साल के इसी महीने में इसमें 9.3 फीसदी की गिरावट आई थी. वहीं, कंज्यूमर ड्यूरेबल का उत्पादन 6.4 फीसदी गिर गया जबकि नॉन-ड्यूरेबल में समान रहा.
इंडस्ट्री के आधार पर देखें तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 23 में से 13 इंडस्ट्री ग्रुप में फरवरी 2020 के दौरान सकारात्मक ग्रोथ देखी गई. इंडस्ट्री ग्रुप मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेटल्स में 18.2 फीसदी की सबसे ज्यादा सकारात्मक ग्रोथ देखी गई जिसके बाद मैन्युफैक्चर ऑफ कैमिकल एंड कैमिकल प्रोडक्ट्स और मैन्युफैक्चर ऑफ अदर नॉन-मैटेलिक मिनरल प्रोडक्टस 8.0 फीसदी के साथ हैं.
दूसरी तरफ, इंडस्ट्री ग्रुप मैन्युफैक्चरर ऑफ मोटर व्हीकल, ट्रैलर्स एंड सेमी-ट्रैलर्स में सबसे ज्यादा नकारात्मक ग्रोथ (-) 15.6 फीसदी की रही. इसके बाद मैन्युफैक्चर ऑफ कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक एंड ऑप्टिकल प्रोडक्ट्स में (-) 14.8 फीसदी रही है.