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रेलवे ने 20 ऐसे फर्जी सॉफ्टवेयर को पकड़ा है जिसके जरिए फर्जीवाड़ा कर टिकट बुक किए जाते थे.
कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि जब वे ट्रेन टिकट बुक करते हैं तो पता चलता है कि बुकिंग के लिए कंफर्म्ड टिकट उपलब्ध नहीं है. हालांकि इस मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि इसमें से कुछ सीटें गैरकानूनी रूप से बुक की गई रहती हैं जिसे दलाल ब्लैक करते हैं. भारतीय रेलवे को इल्लीगल आईआरसीटीसी टिकट बुकिंग सॉफ्टवेर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई में बड़ी सफलता हासिल हुई है. वेस्टर्न रेलवे ने 20 अवैध सॉफ्टवेयर पकड़े हैं जिनके जरिए दलाल टिकट बुक करते थे. इन सॉफ्टवेयर के जरिए कोरोना महामारी के दौरान महाराष्ट्र और गुजरात से पैसेंजर ट्रेन सर्विस शुरू होने के बाद दलालों ने टिकट बुक किए.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वेस्टर्न रेलवे ऑफिशियल ने बताया कि प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर पीसी सिन्हा के नेतृत्व में आरपीएफ ने यह सफलता हासिल की है. दलाल लोग क्लोनिंग सॉफ्टवेयर के जरिए आईआरसीटीसी की ऑफिशियल वेबसाइट का गलत प्रयोग करते थे और टिकट बुक करते थे. इसके बाद इन टिकटों की ब्लैक मार्केट में बिक्री करते थे. रेलवे ने 53.89 लाख रुपये के टिकट्स जब्त किए हैं.
2050 से अधिक आईडीज को रेलवे ने किया ब्लॉक
वेस्टर्न रेलवेज के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर सुमित ठाकुर ने जानकारी दी कि जून 2020 में ट्रेन सर्विसेज शुरू की गई थी. इसके बाद से लेकर अब तक फर्जीवाड़ा करने वाले दलालों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले 20 अवैध सॉफ्टवेयर की पहचान की गई. डेटा एनालाइज के जरिए एक साल में अवैध टिकट बुकिंग के 344 से अधिक मामले पकड़े गए और 351 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसके अलावा आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए टिकट बुक करने के लिए यूज की जाने वाली 2050 से अधिक आईडीज को रेलवे ने ब्लॉक कर दिया है. 6375 टिकटों को भी जब्त कर लिया गया है. इसके अलावा फर्जीवाड़ा करने वाले 752 दलालों की वेस्टर्न रेलवे जोन में गिरफ्तारी हुई है. इसके अलावा 53.89 लाख रुपये के टिकट्स जब्त किए गए हैं.
सूरत रेलवे स्टेशन से 'रीयल मैंगो' का हुआ इस्तेमाल
रेल अधिकारियों के मुताबिक जिन 20 अवैध टिकटिंग सॉफ्टवेयर को पकड़ा गया है, उसमें सबसे प्रमुख रीयल मैंगो है. इसका इस्तेमाल सूरत रेलवे स्टेशन पर किया गया. ठाकुर के मुताबिक सूरत में अवैध टिकटिंग स्कैम सामने आने के बाद रेलवेज एक्ट के सेक्शन 143 के तहत 46 केसेज रजिस्टर्ड किए गए और देश भर से 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया. भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने सूचित किया कि ऑनलाइन फर्जीवाड़े मामले की पहचान के लिए वेस्टर्न रेलवे के मुंबई स्थित मुख्यालय में एक साइबर सेल का गठन किया गया है.