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गरीब कल्याण रोजगार अभियान 6 राज्यों के 116 जिलों में लागू किया जा रहा है.
गरीब कल्याण रोजगार अभियान 6 राज्यों के 116 जिलों में लागू किया जा रहा है.भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने कोरोनावायरस महामारी (Covid19 Pandemic) के दौर में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ी पहल की है. भारतीय रेलवे ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत 6 राज्यों बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 6.40 लाख से भी अधिक मानव कार्य दिवस जेनरेट किए हैं. रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इन प्रोजेक्ट्स की प्रगति और इस योजना के तहत इन राज्यों के प्रवासी श्रमिकों के लिए बने रोजगार के अवसरों की निगरानी कर रहे हैं. इन राज्यों में करीब 165 रेल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं.
रेल मंत्रालय के अनुसार, 21 अगस्त, 2020 तक 12,276 श्रमिकों को इस अभियान से जोड़ा गया है और चल रहे प्रोजेक्ट्स के लिए ठेकेदारों को 1,410.35 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ-साथ राज्यों में भी प्रमुख (नोडल) अधिकारी नियुक्त किए हैं, ताकि राज्य सरकार के साथ सही ढंग से समन्वय स्थापित किया जा सके.
रेलवे में कई प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
- रेलवे ने कुछ विशेष कार्यों की पहचान की है जिनपर इस योजना के तहत काम चल रहा है. इनमें छह प्रमुख हैं.
- रेलवे के समतल क्रॉसिंग के लिए उप-मार्गों के निर्माण और रख-रखाव
- रेलवे ट्रैक के किनारे जलमार्गों, खाइयों और नालों का विकास और उनकी साफ-सफाई
- रेलवे स्टेशनों के लिए उप-मार्गों का निर्माण और रख-रखाव?
- रेलवे के मौजूदा किनारों (तटबंधों)/उप-मार्गों की मरम्मत और चौड़ीकरण
- रेलवे की जमीन की अंतिम सीमा पर वृक्षारोपण करना
- मौजूदा किनारों (तटबंधों)/उप-मार्गों पुलों के संरक्षण
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PM गरीब कल्याण रोजगार अभियान 20 जून से शुरू
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत बड़े पैमाने पर रोजगार- सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य अभियान की शुरुआत की. जिसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के डर से बड़ी संख्या में अपने इलाकों/गांवों में लौटे प्रवासी मजदूरों का सशक्तीकरण करना और उन्हें उनके गांव में ही आजीविका के अवसर प्रदान करना है. प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत सस्टेनेबल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी.
125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है और इसमें 116 जिलों में कार्यों/गतिविधियों के 25 वर्गों का केंद्रित कार्यान्वयन शामिल है. इनमें से प्रत्येक जिला 6 राज्यों-बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा से संबंधित हैं जहां लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है. इस अभियान के दौरान आरंभ किए जाने वाले सार्वजनिक कार्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय संसाधन (रिसोर्स इन्वेलप) उपलब्ध होगा.
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