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प्रियंका गांधी ने अयोध्या में जमीन घोटाला मामले पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर जमीन खरीद मामले में घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की. वाड्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "देश के लगभग हर घर ने राम मंदिर ट्रस्ट को कुछ न कुछ दान किया है. घर-घर जाकर प्रचार भी किया गया. यह लोगों की आस्था की बात है और इसके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. दलितों की जमीन को हड़पा जा रहा है.”
दरअसल, अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के पास की जमीन को कथित रूप से भाजपा के विधायकों, महापौर, और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पौने दाम में खरीदे जाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने राजस्व विभाग को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. वाड्रा ने आगे कहा, “जमीन के कुछ टुकड़े कम कीमत के थे और उन्हें ट्रस्ट को बहुत अधिक कीमत पर बेचे गए, इसका मतलब है कि दान के ज़रिए जो पैसा एकत्र किया गया है, उसमें घोटाला हुआ है.”
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दो करोड़ की जमीन, 18.5 करोड़ में बेची गई: प्रियंका
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रियंका गांधी ने कहा कि 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन 8 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेची गई, उसी जमीन का दूसरा हिस्सा 12 हजार वर्ग मीटर दो करोड़ में रवि मोहन तिवारी को बेची गई. ये जमीन 19 मिनट बाद बेची गई. इस जमीन खरीदी में आरएसएस से जुड़े अनिल मिश्रा और राम मंदिर के ट्रस्टी गवाह हैं. इसमें दूसरे गवाह अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं. 5 मिनट बाद रवि मोहन तिवारी उसी 2 करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में ट्रस्ट को बेच देते हैं. अगर ये घोटाला नहीं है तो क्या है, भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हुए वाड्रा ने कहा, "यूपी सरकार का कहना है कि वे जांच के आदेश दे रहे हैं. इसकी जांच कौन कर रहा है? इसकी जांच जिला अधिकारियों के स्तर पर की जा रही है. राम मंदिर ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर किया गया था, इसलिए इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए.”
मायावती ने भी साधा निशाना
इस बीच, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर मामला है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. बेहतर होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल दे. केंद्र सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दे.”
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