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सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा बयान दिया है. फोटो- इंडियन एक्सप्रेस
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा तो विपक्ष को भी एक बार फिर से उन्हें घेरने का मौका मिल गया है. दरअसल किसान आंदोलन के दौरान भी कई बार केंद्र की भाजपा सरकार के रवैये की आलोचना कर चुके मलिक ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो पीएम बहुत घमंड में थे. यहां तक कि पांच मिनट में ही उनका पीएम से झगड़ा हो गया. मलिक के इस बयान का वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी दरअसल किसानों के साथ नहीं, बल्कि उन्हें कुचलने वालों के साथ हैं.
पांच मिनट में हो गई लड़ाई : मलिक
हरियाणा के दादरी में रविवार को एक सामाजिक समारोह के दौरान राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, "मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई उनसे. वो बहुत घमंड में थे. जब मैंने उनसे कहा, हमारे 500 लोग मरे हैं...तो उसने कहा, मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे, जो आप राजा बने हुए हो...मेरा झगड़ा हो गया. उन्होंने कहा अब आप अमित शाह से मिल लो. मैं अमित शाह से मिला.”
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्विटर पर मलिक के बयान के साथ ही साथ उनके वीडियो को भी शेयर करके मोदी पर निशाना साधा है.
"मैं अमित शाह से मिला। उसने कहा- सतपाल इसकी (मोदी जी) अकल मार रखी है लोगों ने,
— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 3, 2022
तुम बेफिकर रहो, मिलते रहो, ये किसी न किसी दिन समझ जाएगा।" ~राज्यपाल सत्यपाल मलिक pic.twitter.com/sj14XEC0xY
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी मलिक के बयान के बहाने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला किया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा गया कि 500 किसान मरे हैं तो उनका कहना था कि "क्या मेरे लिए मरे हैं?" साफ है कि नरेंद्र मोदी मारे गए किसानों के साथ नहीं, किसानों को कुचलने वालों के साथ हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा गया कि 500 किसान मरे हैं तो उनका कहना था कि "क्या मेरे लिए मरे हैं?"
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 3, 2022
साफ है कि नरेंद्र मोदी मारे गए किसानों के साथ नहीं, किसानों को कुचलने वालों के साथ हैं। #टेनी_को_बर्खास्त_करोpic.twitter.com/043AiowkJ1
बाद में, दादरी में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, जब मलिक से कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले और किसान की लंबित मांगों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने जो कहा उसके अलावा वे और क्या कह सकते थे... हमें (किसानों को) अपने पक्ष में निर्णय लेना चाहिए. हमें एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी पाने के लिए उनकी मदद लेनी चाहिए और ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे सब कुछ खराब हो जाए.” उन्होंने आगे कहा, “कुछ मुद्दे अभी भी लंबित हैं. उदाहरण के लिए, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले हैं. सरकार को इस मामले में ईमानदारी दिखानी चाहिए और मामलों को वापस लेना चाहिए. इसी तरह एमएसपी पर कानून भी बनाना होगा.”
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मलिक ने केंद्र सरकार पर किया है कई बार हमला
मलिक ने हाल के दिनों में कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर कई बार हमला किया है. नवंबर में, जयपुर में उन्होंने कहा था कि केंद्र को अंततः किसानों की मांगों को मानना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जब भी वह किसानों के मुद्दे पर बोलते हैं, तो उन्हें कुछ हफ़्ते तक आशंका होती है कि दिल्ली से फोन आ सकता है. इसके साथ ही, मलिक ने यह भी कहा, "अगर सरकार को लगता है कि यह आंदोलन समाप्त हो गया है, तो ऐसा नहीं है. आंदोलन को केवल निलंबित किया गया है. अगर किसानों पर अन्याय या अत्याचार होता है, तो इसे फिर से शुरू किया जाएगा. स्थिति जो भी हो, मैं उनके (किसानों) साथ रहूंगा.”