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Credit to the services sector continued to grow at a robust, albeit decelerated, rate at 10.7 per cent in June 2020 vis-a-vis 13 per cent in June 2019.
मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या और घटकर 27,398 लाख पर आ गई.भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2019-20 में 2,000 रुपये के नए नोटों की छपाई नहीं की. इस दौरान 2,000 के नोटों का प्रसार कम हुआ है. रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार मार्च, 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी, जो मार्च, 2019 के अंत तक घटकर 32,910 लाख पर आ गई. मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या और घटकर 27,398 लाख पर आ गई.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रचलन में कुल मुद्राओं में 2,000 के नोट का हिस्सा मार्च, 2020 के अंत तक घटकर 2.4 फीसदी रह गया. यह मार्च, 2019 के अंत तक तीन फीसदी और मार्च, 2018 के अंत तक 3.3 फीसदी था. मूल्य के हिसाब से भी 2,000 के नोटों की हिस्सेदारी घटी है. आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2020 तक चलन में मौजूद कुल नोटों के मूल्य में 2,000 के नोट का हिस्सा घटकर 22.6 फीसदी रह गया. यह मार्च, 2019 के अंत तक 31.2 फीसदी और मार्च, 2018 के अंत तक 37.3 फीसदी था.
रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से तीन साल के दौरान 500 और 200 रुपये के नोटों के प्रसार में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. मूल्य और मात्रा दोनों के हिसाब से 500 और 200 रुपये के नोट का प्रसार बढ़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में 2,000 के करेंसी नोट की छपाई के लिए कोई ऑर्डर नहीं दिया गया.
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2,000 के नोट की कोई नई आपूर्ति नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लि. (BRBNMPL) तथा सिक्योरिटी प्रिटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (SPMCIL) की ओर 2,000 के नोट की कोई नई आपूर्ति नहीं की गई. 2019-20 में बैंक नोटों के लिए ऑर्डर एक साल पहले की तुलना में 13.1 फीसदी कम थे. रिपोर्ट कहती है कि 2019-20 में बैंक नोटों की आपूर्ति भी इससे पिछले साल की तुलना में 23.3 फीसदी कम रही. इसकी मुख्य वजह कोविड-19 महामारी और उसके चलते लागू लॉकडाउन है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि 2019-20 में 500 के 1,463 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया. इसमें से 1,200 करोड़ नोटों की आपूर्ति हुई. वहीं 2018-19 में 1,169 करोड़ नोटों की छपाई के ऑर्डर पर 1,147 करोड़ नोटों की आपूर्ति की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में बीआरबीएनएमपीएल तथा एसपीएमसीआईएल को 100 के 330 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया. इसी तरह 50 के 240 करोड़ नोटों, 200 के 205 करोड़ नोटों, 10 के 147 करोड़ नोटों और 20 के 125 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया. इनमें से ज्यादातर की आपूर्ति वित्त वर्ष के दौरान की गई.
RBI ने पकड़े 4.6 जाली नोट
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019-20 में बैंकिंग क्षेत्र में पकड़े गए जाली नोटों (FICN) में से 4.6 फीसदी रिजर्व बैंक के स्तर पर पकड़े गए. वहीं 95.4 फीसदी जाली नोटों का पता अन्य बैंकों के स्तर पर चला. कुल मिलाकर 2,96,695 जाली नोट पकड़े गए. यदि इससे पिछले वित्त वर्ष से तुलना की जाए, तो 10 के जाली नोटों में 144.6 फीसदी, 50 के जाली नोटों में 28.7 फीसदी, 200 के जाली नोटों में 151.2 फीसदी तथा 500 (महात्मा गांधी-नई सीरीज) के जाली नोटों में 37.5 फीसदी का इजाफा हुआ. वहीं 20 के जाली नोटो में 37.7 फीसदी, 100 के जाली नोटो में 23.7 फीसदी और 2,000 के जाली नोटों में 22.1 फीसदी की कमी आई. बीते वित्त वर्ष में 2,000 के 17,020 जाली नोट पकड़े गए. यह आंकड़ा 2018-19 में 21,847 का रहा था.
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