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दुनिया भर में 500 करोड़ से अधिक लोग यानी दुनिया की करीब 70 फीसदी जनसंख्या या तो गरीबी में हैं या गरीबी रेखा के नीचे फिसल सकते हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच जंग का असर आम लोगों की कमाई पर बुरी तरह दिख रहा है. खाने और एनर्जी की बढ़ी कीमतों के चलते दुनिया भर के 7.1 करोड़ और अधिक लोग गरीब हो गए. यह खुलासा आज गुरुवार 7 जुलाई को यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की जारी रिपोर्ट से हुआ है. यूएनडीपी के मुताबिक जंग के बाद तीन महीने में 5.16 करोड़ अतिरिक्त लोग गरीबी में आ गए और वे 1.90 डॉलर (94.82 रुपये) में गुजारा कर रहे हैं जबकि 2 करोड़ अतिरिक्त लोग गरीब हुए हैं जिन्हें 3.20 डॉलर (252.86 रुपये) में गुजारा करना पड़ रहा है. दुनिया भर में 500 करोड़ से अधिक लोग यानी दुनिया की करीब 70 फीसदी जनसंख्या या तो गरीबी में हैं या गरीबी रेखा के नीचे फिसल सकते हैं.
लड़ाई से ऐसे प्रभावित हुई लोगों की आय
कम आय वाले देशों में परिवार अपनी आय का 42 फीसदी हिस्सा खाने पर खर्च करते हैं. हालांकि पश्चिमी देशों ने जब यूक्रेन के साथ जंग के चलते रूस पर प्रतिबंध लगाया तो तेल और गेहूं, चीनी व कुकिंग ऑयल जैसे फूड आइटम्स के भाव उछल गए. इसके अलावा यूक्रेन के पोर्ट बंद होने के चलते यह कम आय वाले देशों को अनाज निर्यात नहीं कर सका जिसके चलते कीमतें बढ़ी. इस वजह से लाखों लोग गरीबी में आ गए. रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक प्रभावित हैती, अर्जेंटीना, इजिप्ट, इराक, टर्की, फिलीपींस, रवांडा, सूडान, केन्या, श्रीलंका और उजबेकिस्तान हुए. इसके अलावा अफगानिस्तान, इथियोपिया, माली, नाइजीरिया और यमन में पहले से ही गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोग अधिक प्रभावित हुए.
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कोरोना से ज्यादा गहरा असर डाला Russia-Ukraine War ने
यूएनडीपी की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की कमाई पर जितना कोरोना महामारी के पीक ने असर नहीं डाला, उससे अधिक रूस और यूक्रेन के बीच जंग ने डाल दिया. यूएनडीपी के मुताबिक महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन और बंदी के चलते 18 महीने में 12.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए लेकिन वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई के चलते महज तीन महीने में ही 7.1 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए.
(Input: AP)