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क्या है ULIP? क्यों माना जाता है इसे निवेश का बेहतर विकल्प, 3 प्वॉइंट में समझें

ULIP के ज़रिए अलग-अलग जगहों पर निवेश करते हुए आप अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन ला पाते हैं.

ULIP के ज़रिए अलग-अलग जगहों पर निवेश करते हुए आप अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन ला पाते हैं.

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FE Online
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3 reasons why you should choose ULIPs for accumulation of wealth

ULIP के तहत, आपको ना सिर्फ इंश्योरेंस कवर मिलता है, बल्कि आप निवेश भी कर सकते हैं.

ULIP: बीमा, निवेश और इमरजेंसी के लिए बचत किसी भी अच्छे फाइनेंशियल प्लानिंग के तीन प्रमुख हिस्से माने जाते हैं. आमतौर पर ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि उन्हें इन तीनों हिस्सों को अलग-अलग रखना चाहिए, ताकि इन सभी पर ठीक से फोकस किया जा सके. हालांकि हर किसी के पास अपने फाइनेंशियल पोर्टफोलियो को बेहतर ढंग से मैनेज करने का समय और स्किल नहीं होता है. ऐसे ग्राहकों के लिए, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. ULIP बीमा कवर के ज़रिए जीवन की अनिश्चितताओं से निपटने और बाजार में भाग लेने का एक प्रभावी तरीका प्रदान करता है. आइए समझते हैं, क्या होता है यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान.

एक तरफ टर्म प्लान है जो एक लाइफ कवर प्रदान करता है. पॉलिसी अवधि के दौरान अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो इस स्थिति में लाभार्थी को इस प्लान के तहत एकमुश्त रकम दी जाती है. लेकिन इस प्लान में किसी तरह का निवेश नहीं होता है. वहीं ULIP के तहत, आपको ना सिर्फ इंश्योरेंस कवर मिलता है, बल्कि आप निवेश भी कर सकते हैं. यह एक खास तरह का प्लान है, जिसमें बीमा कंपनियां बीमा देने के साथ ही आपको निवेश का मौका भी देती है. यानी इस प्लान के तहत निवेश के दो फायदे हैं. आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान की तरह लाइफ कवर तो मिलता ही है, इसके अलावा आप निवेश भी कर पाते हैं.

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यहां ऐसे कुछ बेहतरीन तरीके बताये गए हैं, जिसके ज़रिए आप लाइफ कवर के साथ ही अपने भविष्य के लिए बचत भी कर पाएंगे.

  1. पोर्टफोलियो में ला सकते हैं डायवर्सिफिकेशन: एक डायवर्स पोर्टफोलियो का होना रिस्क मैनेज करने की रणनीति की तरह है. इसके तहत अलग-अलग जगहों पर निवेश करते हुए आप अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन ला पाते हैं. पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन आपको लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देगी और किसी भी व्यक्तिगत होल्डिंग या सुरक्षा के जोखिम को कम करेगी. इसी तरह, टर्म प्लान और यूलिप अलग-अलग जरूरतों की पूर्ति करते हैं, और इसलिए, आपको एक को दूसरे के ऊपर नहीं चुनना चाहिए. अपने फाइनेंशियल पोर्टफोलियो में दोनों को जोड़ने से न केवल आपको अपने परिवार के फाइनेंशियल फ्यूचर को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि आपके रिटायरमेंट और भविष्य की अन्य जरूरतों के लिए एक बचत का निर्माण भी होगा.
  2. फंड विकल्पों के बीच स्विच करने की सुविधा: यूलिप प्लान पॉलिसीधारकों को इक्विटी, बॉन्ड और हाइब्रिड फंड जैसे कई फंड विकल्पों के बीच स्विच करने की अनुमति देते हैं. आप कभी भी ऐसा कर सकते हैं और इसमें कोई पैसा भी नहीं लगता है. पॉलिसीधारक मौजूदा परिस्थिति के आधार पर अलग-अलग यूलिप फंडों के बीच भविष्य के प्रीमियम अलॉट करना चुन सकते हैं. बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने के लिए भविष्य के प्रीमियमों के आवंटन को इक्विटी से बॉन्ड या इसके विपरीत में भी बदल सकते हैं. समझदारी के साथ फंड चुनने पर, यूलिप आपको बाजार से पर्याप्त रिटर्न प्रदान कर सकता है बशर्ते आपको धैर्य रखते हुए लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए. इसके तहत आपको काफी फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है.
  3. टैक्स-एफिशिएंट : यूलिप को म्यूचुअल फंड की तुलना में टैक्स-एफिशिएंट साधन माना जाता है क्योंकि इसके ज़रिए पॉलिसीधारक सभी चरणों में टैक्स की बचत कर सकते हैं. यूलिप में, बिना किसी खर्च के फंड के बीच स्विच करने की अनुमति है, जबकि म्यूचुअल फंड में, योजनाओं के बीच स्विच करने पर टैक्स देना पड़ता है. यूलिप में फंड स्विच करते समय टैक्स-बेनिफिट के अलावा, इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स में छूट मिलती है. यूलिप की मैच्योरिटी रकम सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स-फ्री है.

यूलिप एक निवेश विकल्प प्रदान करता है जिसके ज़रिए अपनी कई आर्थिक जरूरतों और लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं. आप ना सिर्फ बचत कर पाते हैं, बल्कि लाइफ कवर का फायदा भी उठा सकते हैं.

(यह लेख Aviva India के चीफ इंनवेस्टमेंट ऑफिसर अखिलेश गुप्ता ने लिखा है.)

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