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पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.
Safeguard against Demat Account Frauds: पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए अब डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है. डीमैट खाते के जरिए फिजिकल शेयरों के ट्रांसफर में पहले कुछ दिन तक लग जाते थे जबकि डीमैट खाते के जरिए आसान तरीके से और जल्द शेयरों का लेन-देन होता है. हालांकि जैसे कुछ भी 100% परफेक्ट नहीं होता है, वैसे ही डीमैट खाते में भी फर्जीवाड़ा हो सकता है.
डीमैट खाते से जुड़े फर्जीवाड़े के कुछ मामले सामने आए हैं जैसे कि ब्रोकर्स ने बिना निवेशकों की सहमति के किसी ट्रेड पर मार्जिन फंड के कोलैटरल के रूप में प्रयोग करने के लिए ईटीएफ यूनिट्स को ट्रांसफर कर लिया. आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. भारत में सीडीएसएल और एनएसडीएल नामक दो डिपॉजिटरीज आपके शेयरों व सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखते हैं लेकिन इनका डीमैट खाताधारकों से सीधे कोई संपर्क नहीं होता है. ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) लाइसेंस स्टॉकब्रोकर्स और इंटरमीडियरीज को इश्यू करते हैं जो ग्राहकों को डीमैट खाते खोलने की सर्विस देते हैं.
अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें
जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.
जरूरी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखें
हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.
ब्रोकरेज स्क्रूटनी
लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
लंबे समय तक न हो यूज तो फ्रीज करवा लें खाता
कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.
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पॉवर ऑफ अटार्नी
ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.
मजबूत पासवर्ड रखें
डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.
एमसएमएस सुविधा
अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.
क्रेडिट टाइम को चेक करें
आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)