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प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए गिफ्ट डीड या वसीयत में कौन-सा विकल्प चुनें, इसके लिए टैक्स के अलावा भी कई पहलुओं पर विचार करना जरूरी है.
Gift Deed vs Will: अपने किसी संबंधी जैसे कि बच्चे या जीवनसाथी को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए गिफ्ट डीड या वसीयत का सहारा ले सकते हैं. हालांकि इन दोनों ही विकल्पों की अपनी-अपनी खासियतें हैं. इसके अलावा टैक्सेशन भी एक अहम बिंदु है. गिफ्ट डीड और वसीयत में फर्क को आसान शब्दों में समझना हो तो इतना कह सकते हैं कि अगर किसी को तुरंत प्रॉपर्टी ट्रांसफर करना हो तो गिफ्ट डीड के जरिए किया जा सकता है जबकि वसीयत के जरिए मौत के बाद ही प्रॉपर्टी ट्रांसफर होती है. प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के लिए गिफ्ट डीड या वसीयत में कौन-सा विकल्प चुनें, इसके लिए टैक्स के अलावा भी कई पहलुओं पर विचार करना जरूरी है.
Gift Deed vs Will को लेकर ऐसे लें फैसले
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- तुरंत प्रॉपर्टी ट्रांसफर के लिए गिफ्ट डीड का विकल्प अपनाया जा सकता है जबकि वसीयत के जरिए मौत के बाद ही प्रॉपर्टी ट्रांसफर होती है.
- कुछ मामलों में सुनने में आया है कि बच्चों को प्रॉपर्टी गिफ्ट डीड के जरिए ट्रांसफर करने पर उन्हें बच्चों ने घर से बाहर निकाल दिया और वे किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. ऐसे में टैक्स व निवेश एक्सपर्ट बलवंत जैन का कहना है कि अगर बहुत जरूरत न हो जैसे कि कई मामलों में प्रॉपर्टी तुरंत ट्रांसफर करना जरूरी हो जाता है, तो ऐसे मामले छोड़कर प्रॉपर्टी को सिर्फ वसीयत के जरिए ट्रांसफर करना चाहिए ताकि अपनी ही प्रॉपर्टी से बेदखल होने की नौबत न आए.
- वसीयत को रजिस्टर्ड कराने की कोई जरूरत नहीं होती है और न ही इसे स्टांप कराने की जरूरत होती जबकि गिफ्ट डीड के मामले में प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू पर स्टांप ड्यूटी चुकानी होती है. कुछ राज्यों में संबंधियों को गिफ्ट डीड के जरिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने पर स्टांप ड्यूटी चुकाने में राहत मिला हुआ है.
- वसीयत को रजिस्टर्ड कराने की जरूरत नहीं होती है जिसके चलते प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने का यह सस्ता तरीका है लेकिन उत्तराधिकार को लेकर आने वाली किसी भी समस्या से बचने के लिए इसे रजिस्टर्ड करवा लेना चाहिए.
- वसीयत के जरिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है और गिफ्ट डीड के जरिए भी पति/पत्नी या बच्चों जैसे संबंधियों को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने पर भी कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है लेकिन अगर गैर-संबंधी को गिफ्ट डीड के जरिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर करते हैं तो इस पर टैक्स देनदारी बनती है.
गैर-संबधियों को गिफ्ट करने पर ऐसे बनती है टैक्स देनदारी
- टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक अगर ऐसे किसी शख्स को गिफ्ट डीड के जरिए 50 हजार रुपये मूल्य से अधिक का कोई गिफ्ट ट्रांसफर किया गया है तो इसे गिफ्ट पाने वाले की आय में जोड़कर उसके टैक्स स्लैब के मुताबिक इस पर टैक्स देनदारी बनेगी.
- अगर पति या पत्नी को गिफ्ट डीड के जरिए गिफ्ट दिया गया है तो जिस शख्स ने गिफ्ट दिया है, उस पर इससे होने वाली आय को लेकर टैक्स देनदारी बनेगी.
- बच्चों को गिफ्ट मिलता है तो 1500 रुपये से अधिक के गिफ्ट पर कोई पैसिव इनकम आय होती है तो इसे माता-पिता में जो अधिक कमाता है, उसकी आय में जोड़ा जाएगा और इस पर टैक्स की देनदारी बनेगी. एक बार जिस की आय में बच्चों को मिले गिफ्ट के पैसिव इनकम को जोड़ा जाएगा, उसी की आय में हमेशा जोड़कर टैक्स कैलकुलेट किया जाएगा जब तक कि आयकर अधिकारी इसे दूसरे शख्स की आय में क्लब करने का निर्देश न दे दे.