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सिगरेट पीने का असर आपकी जेब पर भी पड़ता है. (Representational Image)
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सिगरेट पीना सेहत के लिये हानिकारिक होता है, यह बात सब जानते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक भारत में दुनिया के 12 फीसदी सिगरेट पीने वाले लोग रहते हैं, जिसमें से सालाना 10 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है. जहां सिगरेट पीने का बहुत बुरा असर सेहत पर होता है. वहीं, इसके कुछ दूसरे बड़े नुकसान भी है, जिसका असर आपकी जेब पर पड़ता है. उसमें से एक है लाइफ इंश्योरेंस जो अगर आप सिगरेट पीते हैं तो आपको ज्यादा महंगा पड़ेगा. क्योंकि सिगरेट पीने से आदमी के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है और उसकी मौत होने की भी आशंका रहती है. इसी वजह से लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां जीवन बीमा के रेट्स ऐसे लोगों के लिये बढ़ाकर रखती हैं. इससे आपको पॉलिसी लेने में कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन आपकी जेब जरूर ज्यादा ढीली हो जाएगी.
कोई भी व्यक्ति लाइफ इंश्योरेंस अपने परिवार के बारे में सोचते हुए लेता है. वह सोचता है कि उसकी मौत हो जाने के बाद उसके परिवार को आर्थिक सुरक्षा कैसे मिलेगी. लाइफ इंश्योरेंस की कीमत वर्तमान में आपकी सेहत और आपके परिवार के इतिहास पर निर्भर करती है. लेकिन जिस बात पर इंश्योरेंस कंपनियां सबसे ज्यादा ध्यान देती हैं, वह है आपकी सेहत को कितना खतरा है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति सिगरेट पीता है या नहीं.
क्यों बढ़ता है प्रीमियम ?
ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां सिगरेट पीने के साथ जुड़े ज्यादा जोखिमों को देखते हुए प्रीमियम चार्ज को जोड़ती हैं. ऐसा इसलिये है क्योंकि सिगरेट पीने से जिंदगी पर खतरा बढ़ता है. इससे दिल की बीमारी और ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना रहती है. इससे फेफड़े में इंफेक्शन भी होने की संभावना रहती है.
इंश्योरेंस, कंपनियां आपके हेल्थ रिस्क को देखती हैं. वह रिस्क के लेवल पर ध्यान देती हैं. जब आप लाइफ इंश्योरेंस के लिये अप्लाई करते हैं, तो आपसे पिछले 12 महीनों में तम्बाकू के इस्तेमाल के बारे में पूछा जाता है. आप आसानी से इसके बारे में झूठ बोल सकते हैं, लेकिन आपके मेडिकल टेस्ट में निकोटिन के कण मिलने से यह नामुमकिन हो जाता है. यह बेहतर रहता है कि आप इस बारे में इंश्योरेंस कंपनी को झूठ नहीं बोलें क्योंकि कंपनियां धूम्रपान को अपने नियमों में गंभीरता देती हैं.
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कितना बढ़ता है प्रीमियम ?
लेकिन सिगरेट पीने से लाइफ इंश्योरेंस रेट्स में कितनी बढ़ोतरी होती है, आइए जानते हैं. चाहें आप टर्म लाइफ इंश्योरेंस लेते हैं, जो कुछ सालों के लिये कवर देता है या परमानेंट लाइफ इंश्योरेंस, सिगरेट पीने और नहीं पीने वालों के लिये लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम में अंतर होता है. उदाहरण के लिये एक 30 साल का व्यक्ति 1 करोड़ की टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहा है. जो व्यक्ति सिगरेट नहीं पीता उसके लिये न्यूनतम सालाना प्रीमियम 8,260 रुपये है. सिगरेट पीने पर उसी व्यक्ति को समान राशि की कवरेज के लिये 78 फीसदी ज्यादा 14,750 रुपये देने होंगे.
यहां हमने सिगरेट पीने और नहीं पीने वाले व्यक्ति के लिये तीन बड़ी कंपनियों के 1 करोड़ के टर्म लाइफ इंश्योरेंस कवर, जो 30 साल से 70 साल तक की उम्र तक कवरेज देता है, उसकी तुलना की है:
इंश्योरेंस कंपनियां | प्लान | सिगरेट नहीं पीने वालों के लिये प्रीमियम(सालाना) | सिगरेट पीने वालों के लिये प्रीमियम(सालाना) |
इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस | ई-टर्म प्लान | 8260 | 14,750 |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस | आई-प्रोटेक्ट स्मार्ट | 12,502 | 19,383 |
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस | 3 डी प्लस लाइफ ऑप्शन | 12,478 | 20,322 |
(स्रोत: www.policybazaar.com)
जो लोग अपनी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस कवरेज और रेट्स को बेहतर करना चाहते हैं, उन्हें सिगरेट पीना कम करना या छोड़ना होगा. लेकिन आपको ऐसे सभी प्रोडक्ट्स कम से कम 12 या 18 महीने पहले छोड़ने होंगे.
(Story: Santosh Agarwal, Chief Business Officer-Life Insurance, Policybazaar.com)