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Save TDS on Mutual Fund Dividend: अगर आपने डिविडेंड देने वाले प्रोडक्ट मसलन म्यूचुअल फंड में निवेश किया है तो आपको फॉर्म 15जी और फॉर्म 15एच के बारे में जानना बहुत जरूरी है.
Save TDS on Mutual Fund Dividend: अगर आपभी डिविडेंड देने वाले प्रोडक्ट मसलन म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश किया है तो आपको फॉर्म 15G और फॉर्म 15H के बारे में जानना बहुत जरूरी है. इन फॉर्म की मदद से निवेशकों को TDS (टैक्स डिडक्शन एंट सोर्स) बचाने में मदद मिलती है, अगर उनकी टैक्स लायबिलिटी शून्य हो. म्यूचुअल फंड निवेशकों के पास टीडीएस को बचाने का विकल्प होता है क्योंकि 1 अप्रैल, 2020 से निवेशकों के हाथों में आने वाले डिविडेंड टैक्सेबल हो गया है.
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) को खत्म कर दिया. इसकी जगह उन्होंने कंपनी या म्यूचुअल फंड की तरफ से शेयरहोल्डर्स या यूनिटहोल्डर्स को बांटे जाने वाले डिविडेंड पर 10 फीसदी का टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (TDS) लगा दिया. PAN नहीं होने की स्थिति में TDS 20 फीसदी कटेगा.
कितना कटेगा TDS
आम बजट में TDS लगाने का जो प्रस्ताव दिया गया है, वह म्यूचुअल फंड्स यूनिट्स से होने वाली कमाई पर नहीं, बल्कि फंडों की तरफ से बांटे जाने वाले डिविडेंड पर लागू होगा. डिविडेंड से 5,000 रुपये सालाना से ज्यादा की कमाई होने पर अब 10 फीसदी TDS लगेगा. डिविडेंड को दोबारा निवेश करने पर भी TDS कटेगा. साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न में इसकी जानकारी देनी होगी. इसके लिए इनकम टैक्स ऐक्ट में सेक्शन 194K जोड़ा गया है.
फॉर्म 15G और 15H करेगा मदद
60 साल से कम उम्र वाले फॉर्म 15G का फायदा ले सकते हैं. वहीं सीनियर सिटीजन, फॉर्म 15H के जरिए TDS बचा सकते हैं. फॉर्म 15G और 15H के जरिए डिविडेंड पर TDS बचा सकते हैं. अगर आपने शेयर या म्यूचुअल फंड्स से मिले डिविडेंड पर TDS कटाया है तो टैक्स डिडक्शन के लिए आपको फॉर्म 15G या फॉर्म 15H सीधे कंपनी में जमा करा सकते हैं . वहीं, म्यूचुअल फंड स्कीम्स पर डिविडेंड पेआउट ऑप्शन के मामले में आप इस फॉर्म को सीधे एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) या उनके रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट (RTA) के पास जमा करा सकते हैं.
फॉर्म 15G या फॉर्म 15H को कंपनियों, AMCs या RTAs की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन सबमिट किया जा सकता है . इसके लिए आपको अपनी डिटेल्स भरनी होंगी, मसलन पैन नंबर, फंड हाउस (AMC) का नाम, फोलियो नंबर आदि .
कौन जमा कर सकता है फॉर्म
इनकम टैक्स ऐक्ट के मुताबिक 15G या फॉर्म 15H वहीं लोग जमा कर सकते हैं, जिनकी आय एग्जेंप्शन लिमिट से कम है. 60 साल से कम की उम्र के लोगों के लिए 2.5 लाख रुपये तक की आय एग्जेंप्टेड है. वहीं, 60 साल से अधिक और 80 साल से कम की उम्र के लोगों के लिए 3 लाख रुपये और 80 साल से अधिक की उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स लायबिलिटी नहीं बनती है.
TDS की डिटेल्स अब फॉर्म 26AS पर उपलब्ध
डिविडेंड इनकम और TDS की डिटेल्स अब फॉर्म 26AS के नए फॉर्मेट पर उपलब्ध होंगी, जिससे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना आसान हो जाएगा. अगर टैक्सपेयर की कुल इनकम 2.5 लाख रुपये से कम है और इसमें डिविडेंड इनकम शामिल है तो फिर डिविडेंड से होने वाला कमाई पर टैक्स नहीं लगेगा.
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