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Robust revenues helped the Centre to contain its fiscal deficit in the first half of the current fiscal at 35% of annual budget estimate (BE) compared with 114.8% a year ago and 92.6% in FY20.
Section 80C: पिछले वित्त वर्ष 2020-21 (एसेसमेंट इयर 2021-22) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2021 है. जैसे-जैसे आखिरी तिथि नजदीक आ रही है, टैक्सपेयर्स अपनी आय, निवेश और बचत से जुड़ी सभी कैलकुलेशंस कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक टैक्स की बचत की जा सके. इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत कई प्रकार के खर्चों और निवेश पर छूट मिलती है. हालांकि इसकी एक सीमा है. आयकर अधिनियम के तहत 1.5 लाख रुपये तक के खर्च व निवेश पर टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि यह ध्यान रहे कि सेक्शन 80सी के तहत क्लेम करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है, नहीं तो दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा.
सेक्शन 80सी के तहत पीपीएफ, ईपीएफ, एलआईसी प्रीमियम, ईएलएसएस, बच्चों की फीस, होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पेमेंट, संपत्ति की खरीदारी में स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन चार्जेज इत्यादि में डिडक्शन का फायदा मिलता है. यहां ध्यान रहे कि अपने बच्चों के नाम पीपीएफ में किए गए योगदान पर भी टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है, चाहे वह एंप्लॉयड यानी इंडेपेंडेंट ही क्यों न हो. वहीं सिर्फ अपने नाम से खरीदे गए एनएससी पर ही टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
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लॉक इन पीरियड में निकासी पर नहीं मिलेगा फायदा
आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) और यूलिप व टैक्स सेविंग एफडी जैसी स्कीम में निवेश पर टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है. हालांकि अगर लॉक इन पीरियड के भीतर निकासी करते हैं तो डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा. इसका मतलब हुआ कि टैक्स सेविंग एफडी का लॉक इन पीरियड 5 वर्ष है और इस लॉक इन पीरियड से पहले तुड़वा लेते हैं तो इसे आय मानते हुए टैक्स भरना पड़ेगा.
बच्चों की फीस में सिर्फ ट्यूशन फीस पर डिडक्शन
सेक्शन 80सी के तहत टैक्सपेयर्स को अधिकतम दो बच्चों की पढ़ाई के खर्च पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. हालांकि यह फायदा फीस की पूरी राशि पर नहीं मिलता है बल्कि पूरी फीस में जो ट्यूशन फीस का हिस्सा होता है, उसी पर डिडक्शन मिलता है. डेवलपमेंट फीस या डोनेशऩ फीस पर डिडक्शन का बेनेफिट नहीं मिलता है. यहां ध्यान रखें कि अगर बच्चों की ट्यूशन फीस इतनी अधिक है कि पूरे हिस्से पर क्लेम का दावा नहीं कर पा रहे हैं तो पति-पत्नी उसे हिस्सों में यानी अलग-अलग रसीद के जरिए डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं.
घर के लिए गए निजी लोन की वापसी पर फायदा नहीं
सेक्शन 80सी के तहत होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के भुगतान पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है. हालांकि यहां ध्यान रखा जाना चाहिए कि दोस्तों या रिश्तेदारों से अगर यह कर्ज लिया है तो उन्हें पैसे वापस लौटाते हैं तो इस पर टैक्स छूट का फायदा नहीं ले सकते हैं. डिडक्शन क्लेम करने के लिए बैंक, कोऑपरेटिव बैंक, नेशनल हाउसिंग बैंक इत्यादि से लोन लेना जरूरी है.
कॉमर्शियल संपत्ति के रजिस्ट्रेशन स्टांप ड्यूटी पर दावा नहीं
सेक्शन 80सी के तहत किसी आवासीय संपत्ति के ट्रांसफर के दौरान चुकाए गए स्टांप ड्यूटी, एनरोलमेंट फीस जैसे खर्चों को लेकर डिडक्शन का फायदा मिलता है. हालांकि अगर प्रॉपर्टी कॉमर्शियल है तो सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का दावा नहीं कर सकते हैं.
पांच साल से पहले बेचा घर तो नहीं मिलेगा फायदा
होम लोन लेकर घर खरीदा है तो इस पर मिलने वाला अगर इसे पांच साल के अंदर बेच देते हैं तो जो डिडक्शन का फायदा लिया है, वह रिवर्स हो सकता है. यह पांच साल उस वित्त वर्ष के बाद से माना जाएगा, जिसमें कर्ज हासिल किया है.
लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर तय है सीमा
खुद के, अपने बच्चों के और जीवनसाथी की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर जो प्रीमियम बनती है, उस पर टैक्स डिडक्शंस का लाभ मिलता है. हालांकि सम एश्योर्ड के अधिकतम 10 फीसदी पर ही छूट का दावा कर सकते हैं. जैसे कि अगर सम एश्योर्ड 5 लाख रुपये है तो 50 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर ही डिडक्शऩ क्लेम कर सकते हैं. अगर प्रीमियम 55 हजार रुपये बनी है तो 5 हजार रुपये (55 हजार रुपये-50 हजार रुपये) पर डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकते हैं.
कब्जा मिलने के पहले चुकाए गए ईएमआई पर फायदा नहीं
होम लोन के ब्याज पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है. हालांकि यह ध्यान रखें कि इसका पजेशन मिलने से पहले चुकाई गई ईएमआई पर टैक्स डिडक्शन क्लेम नहीं माना जायगा.
सिर्फ केंद्रीय कर्मियों को ही एनपीएस टियर 2 पर टैक्स बेनेफिट्स
एनपीएस टियर 2 खाते में किये गए योगदान पर भी टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है लेकिन सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट के एम्प्लॉई को. राज्य सरकार के कर्मियों को एनपीएस टियर2 खाते में किये गए योगदान पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है.
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी 2 साल तक चलनी है जरूरी
अगर आपने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स डिडक्शंस का फायदा लिया है तो जिस पॉलिसी पर क्लेम हासिल किया है, उसका कम से कम दो साल चलनी जरूरी है. दो साल से पहले पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो जो क्लेम पहले हासिल किया है, वह रिवर्स हो सकता है.
(यह स्टोरी टैक्स मामलों के जानकार बलवंत जैन से बातचीत पर आधारित है.)