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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते भारतीय निवेशकों के सामने दुविधा की स्थिति है कि अपने पैसे को कैसे निवेश करें और मौजूदा निवेश का क्या करें.
Investment Tips: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते भारतीय निवेशकों के सामने दुविधा की स्थिति है कि अपने पैसे को कैसे निवेश करें और मौजूदा निवेश का क्या करें. स्टॉक मार्केट कोरोना महामारी के बाद एक बार फिर गिरावट का सामना कर रहा है लेकिन बाजार के जानकारों का मानना है कि ऐसे समय में घबराने की बजाय धैर्यपूर्वक निवेश से जुड़े फैसले लें. जल्दबाजी में घाटे की स्थिति में भी पैसे निकालने की बजाय उसे लेकर अगर सही रणनीति बनाते हैं तो शानदार रिटर्न हासिल कर सकते हैं. बैंकबाजारडॉटकॉम ( Bankbazaar.com) के सीईओ आदिल शेट्टी (Adhil Shetty) ने निवेशकों को मौजूदा परिस्थितियों में निवेशकों को चार खास टिप्स दिए हैं.
जल्दबाजी में न लें कोई फैसला
मौजूदा भारी उतार-चढ़ाव (वोलेटाइल) भरे मार्केट में जल्दबाजी में अपने पैसे नहीं निकालने चाहिए क्योंकि जब मार्केट में तेजी वापस लौटती है तो पछताना पड़ सकता है. किसी निवेश से पैसे निकालने के लिए सिर्फ बाजार में गिरावट के आधार पर फैसला न लें बल्कि यह निवेश लक्ष्य को कितना प्रभावित करता है या कोई खास रिस्क जिससे आपके निवेश पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है, इसके आधार पर भी फैसले लें. खास रिस्क का मतलब है कि आपने किसी ऐसी कंपनी के शेयर खरीदे हैं जिसका अधिकतरम रेवेन्यू रूस पर निर्भर है तो मौजूदा परिस्थितियों में इसमें निवेश बड़ा रिस्क है. अगर कोई बड़ी वजह नहीं है तो बाजार में गिरावट से न घबराएं और तेजी वापस लौटने का इंतजार करें.
पूरे पैसे को एक से अधिक विकल्पों में करें निवेश
अपनी पूंजी को सिर्फ एक ही विकल्प में निवेश करने की बजाय कई विकल्पों में निवेश करें. अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर अपनी पूंजी का एक हिस्सा बैंक डिपॉजिट, प्रोविडेंट फंड, रीयल एस्टेट, गोल्ड या बॉन्ड्स में डाल सकते हैं. कई विकल्पों में रणनीति बनाकर पैसे लगाए जाएं तो किसी भी आर्थिक परिस्थिति में आपका पोर्टफोलियो मजबूत बना रहेगा.
अपने वित्तीय लक्ष्यों को चेक करें
वित्तीय लक्ष्य तय होते हैं तो कठिन समय में यह दिशा दिखाता है. लक्ष्य के हिसाब से आप फैसले ले सकते हैं कि आपको निवेश बना रखना है या अपने पैसों की निकासी करनी है. जैसे कि मान लें कि आपने पांच साल की एसआईपी में पैसे लगा रहे हैं और तीन साल बाद युद्ध जैसी स्थिति बन जाती है तो आपके पास दो अतिरिक्त साल हैं अपने निवेश को बढ़ाने और मौजूदा गिरावट से रिकवरी की.
एक विकल्प से दूसरे विकल्प में जाने से पहले करें विचार
वैश्विक संकट के बीच इक्विटी मार्केट में भारी गिरावट आती है लेकिन इसके बावजूद निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में से किसी एक विकल्प से पैसे निकाकर दूसरे विकल्प में लगाने से पहले विचार कर लेना चाहिए. इसका फैसला वोलैटिलिटी की बजाय अपनी जानकारी के आधार पर लेना चाहिए. सामाजिक व राजनीतिक तनावों से मार्केट पर असर पड़ता है लेकिन संकट के समय पैसे क्यों लगाए रखें, इस पर स्पष्टता रहेगी तो कोई फैसला महंगा न पड़े, यह सुनिश्चित हो सकेगा.