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Image: ReutersIncome Tax Saving: सीनियर सिटीजंस यानी बुजुर्ग लोगों को ढलती उम्र में सहूलियत रहे, इसे देखते हुए उन्हें हर चीज में एक्स्ट्रा बेनिफिट दिए जाते हैं. इनकम टैक्स भी इससे अछूता नहीं है. सीनियर सिटीजन को अपनी जरूरतों, इलाज के खर्चों आदि की पूर्ति में राहत मिल सके, इसके लिए आयकर विभाग ने टैक्स छूट की लिमिट उनके लिए थोड़ी ज्यादा रखी है.
पहले तो टैक्स स्लैब में ही सीनियर सिटीजन को कर से थोड़ी एक्स्ट्रा राहत है. जो कि इस तरह है...
| टैक्स रेट | सामान्य नागरिक | वरिष्ठ नागरिक (60-80 साल) | अति वरिष्ठ नागरिक (80 साल से अधिक) |
| 0% | 2.5लाख रु तक | 3 लाख रु तक | 5 लाख रु तक |
| 5% | 2,50,001 से 5,00,000 रु तक | 3,00,001 से 5,00,000 रु तक | शून्य |
| 20% | 5,00,001 से 10 लाख रु तक | 5,00,001 से 10 लाख रु तक | 5,00,001 से 10 लाख रु तक |
| 30% | 10 लाख से अधिक | 10 लाख से अधिक | 10 लाख से अधिक |
हालांकि याद रहे कि बजट 2020 में घोषित हुए नए वै​कल्पिक इनकम टैक्स स्लैब आम लोगों और सीनियर सिटीजन दोनों के लिए समान हैं. बजट 2020 में प्रस्तावित वैकल्पिक टैक्स स्लैब...
| सालाना आय | टैक्स रेट |
| 0 से 2.5 लाख रु तक | 0% |
| 2.5 लाख से 5 लाख रु तक | 5% |
| 5 लाख से 7.50 लाख रु तक | 10% |
| 7.50 लाख से 10 लाख रु तक | 15% |
| 10 लाख से 12.50 लाख रु तक | 20% |
| 12.50 लाख से 15 लाख रु तक | 25% |
| 15 लाख रु से ज्यादा | 30% |
50000 रु तक की ब्याज आय टैक्स फ्री
अब आते हैं कुछ अन्य मामलों में एक्स्ट्रा लिमिट पर. सीनियर सिटीजंस के लिए बैंक सेविंग्स डिपॉजिट, एफडी, आरडी और पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में निवेश से एक वित्त वर्ष में हासिल होने वाला 50000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री है. इससे ज्यादा ब्याज आय होने पर ही उन्हें इस पर आयकर देना होगा. यह टैक्स डिडक्शन आयकर कानून के सेक्शन 80TTB के तहत क्लेम ​किया जा सकता है.
वहीं जो सीनियर सिटीजन नहीं है, उनके लिए यह लिमिट अंतरिम बजट 2019 में हुई घोषणा के बाद बैंक या पोस्ट ऑफिस एफडी के मामले में 40000 रुपये हो गई है. हालांकि सेविंग्स अकाउंट व अन्य स्कीम्स आदि से आने वाले ब्याज के मामले में अभी भी 10000 रुपये तक की ब्याज आय ही टैक्स फ्री है. ऐसा सेक्शन 80TTA के तहत है.
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गंभीर बीमारियों के इलाज पर
आयकर कानून के सेक्शन 80DDB के तहत चुनिंदा बीमारियों के मामले में सैलरीड इंप्लॉई अपने या खुद पर निर्भर परिवार के सदस्य के इलाज पर अधिकतम 40,000 रुपये टैक्स कटौती क्लेम कर सकते है. सीनियर सिटीजन के लिए चुनिंदा गंभीर बीमारियों जैसे- कैंसर, मोटर न्यूरॉन डिसीज, एड्स आदि के इलाज पर एक वित्त वर्ष के अंदर 1 लाख रुपये तक का खर्च टैक्स फ्री है.
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर
व्यक्ति या HUF सेक्शन 80C के अंतर्गत मिलने वाले टैक्स डिडक्शन के अतिरिक्त सेक्शन 80D के तहत अपने, पति/पत्नी और निर्भर बच्चों के मेडिकल इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर अधिकतम 25 हजार रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का लाभ ले सकते हैं. लेकिन सीनियर सिटीजन करदाता के मामले में यह लिमिट 50 हजार रुपये है.
इस सीमा के ऊपर अगर 60 साल से कम उम्र का करदाता 60 साल से कम उम्र के माता-पिता के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम और/या मेडिकल खर्चों का वहन कर रहा है तो उसे 25 हजार रुपये का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन मिलेगा. वहीं अगर माता-पिता 60 साल से ज्यादा के हैं तो उनका भी इंश्योरेंस प्रीमियम भरने पर 50,000 रुपये के अतिरिक्त डिडक्शन के लिए क्लेम किया जा सकता है. ऐसे में छूट कुल मिलाकर 75000 रुपये तक के पेमेंट पर होगी.
वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र यानी सीनियर सिटीजन अपने माता-पिता के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम और/या मेडिकल खर्चों पर 50 हजार रुपये का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन ले सकता है. यानी अगर किसी टैक्सपेयर और उसके पेरेटेंस दोनों की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा है तो इस सेक्शन के तहत इंश्योरेंस प्रीमियम के जरिए अधिकतम 1 लाख रुपये तक की टैक्स छूट पाई जा सकती है.
इसके अलावा कोई व्यक्तिगत करदाता सेक्शन 80D के तहत प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर हुए खर्च के लिए 5 हजार रुपये का क्लेम भी कर सकता है लेकिन यह उपरोक्त खर्च सीमा के भीतर ही होगा.
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