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दिसंबर की शुरुआत में घोषित हुई पीएम वाणी (PM WANI) स्कीम में रोजगार और उद्यमिता के 2 करोड़ से अधिक अवसर सृजित करने की क्षमता है. यह बात ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF) ने गुरुवार को कही. बीआईएफ ने सार्वजनिक वाईफाई मॉडल पीएम वाणी की व्यवहार्यता पर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं की निंदा की और कहा कि नए ड्राफ्ट में दो करोड़ से अधिक रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की 9 दिसंबर को हुई बैठक में PM-WANI स्कीम लॉन्च करने का फैसला किया गया था. PM-WANI यानी पीएम वाई फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस. सरकार का कहना है कि PM-WANI से देश में वाई फाई क्रांति आएगी और सभी को इंटरनेट सुलभ हो सकेगा. देश का हर नागरिक कहीं से भी इंटरनेट एक्सेस कर सकेगा.
40% तक महंगा हो सकता है मोबाइल डेटा
बीआईएफ ने कहा कि इसके अलावा जब मोबाइल डेटा की कीमत बढ़ रही है, ऐसे में लोगों को वाईफाई के जरिए कनेक्टिविटी का सस्ता माध्यम मिलेगा. बीआईएफ के प्रेसिडेंट टी वी रामचंद्रन ने कहा कि एक सस्ता विकल्प होने के साथ ही मोबाइल डेटा का किराया लगातार बढ़ रहा है और कुछ रिपोर्ट के मुताबिक निकट भविष्य में यह 30-40 फीसदी और बढ़ सकता है.
सार्वजनिक वाईफाई कैसे फायदेमंद
बीआईएफ ने सार्वजनिक वाईफाई को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों में सरकार ने इसके कारगर होने के कई सबूत दिए हैं. सरकार की प्रमुख शोध एवं अनुसंधान संस्था सी-डॉट ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और स्टार्टअप व उद्यमियों के साथ मिलकर व्यापक परीक्षण किए हैं. रामचंद्रन ने कहा, ‘‘वाईफाई हॉटस्पॉट आम आदमी के लिए अधिक किफायती विकल्प पेश करते रहेंगे और ये बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपर्क के लिए एक किफायती साधन बन सकते हैं.’’ बीआईएफ ने कहा कि नए वाणी सार्वजनिक वाईफाई इंफ्रास्ट्रक्चर में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और ब्रॉडबैंड पहुंच बढ़ेगी और यह डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को जबरदस्त गति प्रदान करेगा.
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कैसे काम करेगी PM-WANI स्कीम
PM-WANI स्कीम के तहत तीन अहम यूनिट रहेंगी. पहली यूनिट होगी पब्लिक डेटा ऑफिस यानी पीडीओ. PM-WANI के लिए देश में पब्लिक डेटा ऑफिस खोले जाएंगे और इसके लिए लाइसेंस, फीस या रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी. दूसरी यूनिट पब्लिक डेटा एग्रीगेटर होंगे, जो पब्लिक डेटा ऑफिस की अकाउंटिंग और ऑथराइजेशन को देखेंगे. तीसरी यूनिट ऐप प्रोवाइडर होंगे. ये एक खास ऐप बनाएंगे, जिन्हें यूजर को डाउनलोड करना होगा, उसका एक डिजिटल ऑथेंटिकेशन होगा. सरकार इसे ऐप स्टोर के अलावा अपनी वेबसाइट्स पर शो करेगी, इसका विज्ञापन और लिंक सार्वजनिक किया जाएगा. इसके बाद नागरिक देश में किसी भी पब्लिक डेटा ऑफिस से पीएम वाई फाई एक्सेस कर सकेंगे. पब्लिक डेटा एग्रीगेटर और ऐप प्रोवाइडर्स को 7 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन दिया जाएगा लेकिन इनके लिए भी कोई लाइसेंस नहीं होगा.
Input: PTI
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