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UP: कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को अपने घर के लिए मिलती है 1 लाख की मदद, कैसे ले सकते हें फायदा

निर्माण श्रमिकों में से अधिकांश के पास अपने घर की सुविधा नहीं होती. न ही उनके पास इतनी धनराशि होती है कि वे अपना आवास बना या खरीद सकें.

निर्माण श्रमिकों में से अधिकांश के पास अपने घर की सुविधा नहीं होती. न ही उनके पास इतनी धनराशि होती है कि वे अपना आवास बना या खरीद सकें.

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Ritika Singh
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1 lakh rupee help for construction workers to build or buy own home in uttar pradesh, how to avail Uttar Pradesh Nirman Kamgar Awas Sahayta Yojna, detailed process

1 lakh rupee help for construction workers to build or buy own home in uttar pradesh, how to avail Uttar Pradesh Nirman Kamgar Awas Sahayta Yojna, detailed process

निर्माण श्रमिक (Construction Workers) समाज के गरीब तबके से आते हैं. इसलिए उनमें से अधिकांश के पास अपने घर की सुविधा नहीं होती. न ही उनके पास इतनी धनराशि होती है कि वे अपना आवास बना या खरीद सकें. इसी बात को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड निर्माण श्रमिकों के लिए 'निर्माण कामगार आवास सहायता योजना' चलाता है. इसके तहत श्रमिकों को घर बनाने या खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.

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यह सहायता राशि 1 लाख रुपये की है. इसका भुगतान दो किस्तों में होता है. घर बनाने के अलावा यूपी सरकार घर होने की स्थिति में उसकी मरम्मत के लिए भी श्रमिकों को सहायता राशि उपलब्ध कराती है, जो 15000 रुपये है. लेकिन एक ही लाभार्थी को एक साथ दोनों लाभ नहीं मिलते हैं.

पात्रता

  • श्रमिक भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तें) अधिनियम, 1996 के तहत आता हो और यूपी के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के तहत पंजीकृत हो.
  • गत वित्तीय वर्ष में पंजीकृत सभी निर्माण श्रमिक पात्र होंगे.
  • लाभार्थी नियमित अंशदान जमा करता हो.
  • परिवार एक ईकाई के रूप में लिया जाएगा. परिवार से आशय पंजीकृत लाभार्थी श्रमिक, उसकी पत्नी आश्रित माता-पिता, एवं 21 वर्ष से कम आयु के पुत्र या अविवाहित पुत्री से होगा.
  • लाभार्थी के पास स्वयं का अथवा परिवार का पक्का आवास न हो.
  • केन्द्र⁄प्रदेश सरकार की अन्य योजना में आवास अथवा आवासीय सुविधा हेतु सहायता का लाभ पाने वाले श्रमिक इस योजना के पात्र नही होंगे.
  • उन श्रमिकों को लाभ मिलेगा, जिनके पास स्वयं अथवा परिवार के नाम योजना के तहत निर्धारित समुचित भूमि उपलब्ध हो. यह ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के आधार पर भिन्न हो सकती है.
  • कार्य स्थान⁄निवास एक ही जिले में होने पर वरीयता प्रदान की जाएगी.
  • श्रमिकों को इस योजना का लाभ सम्पूर्ण जीवन में केवल एक बार ही मिलेगा.
  • पति⁄पत्नी दोनो पंजीकृत श्रमिक हैं तो लाभ में पत्नी को वरीयता दी जाएगी.
  • श्रमिक का आधार कार्ड या आधार के लिए रजिस्ट्रेशन और बैंक खाता होना चाहिए.

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आवेदन प्रक्रिया

  • पंजीकृत निर्माण श्रमिक को आवास सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन पत्र को निकट के श्रम कार्यालय/संबंधित तहसील कार्यालय/सबंधित खंड विकास कार्यालय/संबंधित पंजीकरण कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र पर दो प्रति यानी कॉपी में देना होगा.
  • आवेदन पत्र के साथ पंजीकृत निर्माण श्रमिक को बोर्ड द्वारा निर्गत पहचान प्रमाण-पत्र की सत्यापित फोटो कॉपी, निवास प्रमाण-पत्र की सत्यापित कापी, भूमि के स्वामित्व के अभिलेख की सत्यापित कॉपी लगानी होगी. इस आशय का शपथ-पत्र भी देना होगा कि केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी भी आवासीय योजना में श्रमिक अथवा उसके परिवार के सदस्य को लाभ प्राप्त नहीं हुआ है.
  • विभिन्न कार्यालय आवेदन पत्र प्राप्त होने के 7 दिनों के अंदर उन्हें जिला श्रम कार्यालय में भेज देंगे.
  • इसके बाद जिला श्रम कार्यालय इन एप्लीकेशंस को उनमें उल्लिखित निवास स्थान वाले जिले के श्रम कार्यालय में 7 दिन के अंदर भेज देगा. सबंधित जिला श्रम कार्यालय इसके बाद 7 दिनों के अंदर एप्लीकेशन में दिए गए निवास स्थान से संबंधित तहसील/विकास खंड से सत्यापन कराएंगे.
  • सत्यापन होने के बाद सभी एप्लीकेशंस को सबंधित जिला श्रम कार्यालय में इकट्ठा कर सूचीबद्ध किया जाएगा. संबंधित जिले के सहायक/उप/अपर श्रमायुक्त सूचीबद्ध एप्लीकेशंस को मुख्य विकास अधिकारी/जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे.
  • जांच के बाद इन्हें मंजूरी दी जाएगी और जिला श्रम कार्यालय द्वारा तत्काल मंजूर एप्लीकेशंस को श्रेत्रीय उप/अपर श्रमायुक्त को भेजा जाएगा.
  • इसके बाद 3 दिन के अंदर स्वीकृत धनराशि का भुगतान पंजीकृत श्रमिक को बैंक खाते/चेक/ड्राफ्ट के जरिए कर दिया जाएगा.

अगर प्रदेश के बाहर का है श्रमिक तो...

यूपी के बाहर के निवासी श्रमिकों के मामले में प्राप्त एप्लीकेशंस को जिला श्रम कार्यालय द्वारा संबंधित प्रदेश के सबंधित जिले के जिलाधिकारी/उपायुक्त को भेजा जाएगा. वे इसकी जांच करने के बाद मंजूरी देंगे और एप्लीकेशन को फिर से ​यूपी में जिला श्रम कार्यालय को भेजेंगे. इसके बाद समस्त प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाभार्थी के बैंक खाते में धनराशि का भुगतान किया जाएगा.