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टूटा शकुंतला देवी का रिकॉर्ड, हैदराबाद का 20 साल का यह युवा बना सबसे तेज मानव कैलकुलेटर

नीलकंठ भानु प्रकाश अपनी सबसे तेज मैथ कैलकुलेशंस के लिए विश्व रिकॉर्ड के साथ दुनिया में सबसे तेज मानव कैलकुलेटर के रूप में 50 लिम्का रिकॉर्ड भी जीत चुके हैं.

नीलकंठ भानु प्रकाश अपनी सबसे तेज मैथ कैलकुलेशंस के लिए विश्व रिकॉर्ड के साथ दुनिया में सबसे तेज मानव कैलकुलेटर के रूप में 50 लिम्का रिकॉर्ड भी जीत चुके हैं.

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20 year old Hyderabad boy becomes fastest human calculator, Neelakanta Bhanu Prakash broke Shakuntala Devi’s record; Mind Sports Olympiad, london

Image: ANI

20 year old Hyderabad boy becomes fastest human calculator, Neelakanta Bhanu Prakash broke Shakuntala Devi’s record; Mind Sports Olympiad, london Image: ANI

हैदराबाद के 20 साल के नीलकंठ भानु प्रकाश दुनिया के सबसे तेज मानव कैलकुलेटर बन गए हैं. लंदन में आयोजित माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड में मानसिक गणना विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण जीतने के बाद उन्हें यह उपलब्धि हासिल हुई है. दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज में गणित (ऑनर्स) के छात्र नीलकंठ भानु प्रकाश अपनी सबसे तेज मैथ कैलकुलेशंस के लिए विश्व रिकॉर्ड के साथ दुनिया में सबसे तेज मानव कैलकुलेटर के रूप में 50 लिम्का रिकॉर्ड भी जीत चुके हैं.

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न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भानुप्रकाश का कहना है कि मेरा दिमाग एक कैलकुलेटर की गति से भी तेज गणना करता है. इससे पहले सबसे तेज मानव कैलकुलेटर के रिकॉर्ड स्कॉट फ्लैन्सबर्ग और शकुंतला देवी जैसे मैथ मैस्ट्रोज के नाम थे. भानु प्रकाश का विश्वास है कि उन्होंने भारत को गणित के वैश्विक स्तर पर स्थान दिलाने में अपना पूरा जोर लगाया है.

इस साल वर्चुअली हुआ MSO

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल MSO वर्चुअली आयोजित किया गया था और यूके, जर्मनी, यूएई, फ्रांस, ग्रीस और लेबनान सहित 13 देशों के 57 वर्ष तक के 30 प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया. भानु प्रकाश सेकंड व थर्ड आए प्रतिभागियों से 65 अंक आगे थे. नीलकंठ भानु प्रकाश का सपना विजन मैथ लैब बनाने का है, जो लाखों बच्चों तक पहुंच बना सकें और उन्हें गणित से प्यार करने में मदद कर सकें.

पहली बार भारत ने जीता गोल्ड

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को MSO, लंदन 2020 में भारत ने पहली बार गोल्ड मेडल जीता है. बता दें कि MSO को सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता माना जाता है. इसे मेंटल स्किल्स और माइंड स्पोर्ट्स के लिए डिजाइन किया गया है और यह साल में एक बार लंदन में होता है. मानसिक गणना विश्व चैम्पियनशिप पहली बार 1998 में आयोजित की गई थी.