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Till the time rupee doesn’t break the 73.50 to 73.70 zone, the view remains bullish
2,000 rupees currency notes Printing: देश में 2000 रुपये के करंसी नोट को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बीच, सरकार ने संसद में इस संबंध में एक अहम जानकारी दी है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने लोकसभा (Lok Sabha) में एक सवाल के लिखित जवाब में सोमवार को बताया कि अप्रैल 2019 से 2000 रुपये के करंसी नोटों की छपाई नहीं हुई है. इस पहल को हाई वैल्यू करंसी नोटों की होर्डिंग की कोशिशों पर लगाम लगाने के मकसद से देखा जा रहा है.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 20 मार्च 2018 तक 2000 मूल्य वर्ग के 336.2 करोड़ कंरसी नोट सर्कुलेशन में थे. जोकि सिस्टम में कुल वॉल्यूम का 3.27 फीसदी है. वहीं, 26 फरवरी 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार सर्कुलेशन में 2000 मूल्य वर्ग की 249.9 करोड़ करंसी थी, जोकि सर्कुलेशन में कुल कंरसी का 2.01 फीसदी रह गया है.
वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक के परामर्श के बाद सरकार एक खास मूल्यवर्ग के बैंक नोट की छपाई का फैसला करती हिे. इसमें जनता की तरफ से लेनदेन के संबंध में आ रही डिमांड को ध्यान में रखा जाता है.
रिजर्व बैंक ने 2019 में कहा था कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 2000 रुपये मूल्य वर्ग के 354.29 करोड़ बैंक नोटों की छपाई की गई थी. हालांकि, 2017-18 के दौरान 2000 रुपये के 11.15 करोड़ नए नोट और 2018-19 में 4.66 करोड़ नए नोटों की छपाई हुई.
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नवंबर 2016 में पहली बार छपे 2000 के नोट
देश में 2000 रुपये के करंसी नोट पहली बार नंवबर 2016 में छापे गए. सरकार ने 500 और 1000 रुपये के करंसी नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने के बाद 2000 रुपये मूल्य वर्ग के नोट छापने का फैसला किया था. नोटबंदी का मकसद काला धन और जाली करंसी पर लगाम लगाना था.
बाद में सरकार ने 500 रुपये के भी नए नोट सर्कुलेशन में उतारे हैं. लेकिन, 1000 रुपये के बैंक नोट अभी तक दोबारा चल में शुरू नहीं किए गए हैं. फिलहाल, सिस्टम में 2000 रुपये के अलावा, 500, 100, 50, 20, 10 और 5 रुपये के नोट चलन में हैं.