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रजनीकांत को फिल्मी दुनिया के सबसे बड़े सम्मान से सम्मानित करने का फैसला किया गया है. (Representative Image- PTI)
तमिलनाडु के चुनावी माहौल के बीच तमिल फिल्मों के सुपरस्टार Rajinikanth को दादासाहेब फाल्के अवार्ड देने का एलान किया गया. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी है. दादासाहेब फाल्के सम्मान फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान है और इस बार इसका 51वां संस्करण जीते जी किवदंती बन चुके दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत को दिया जाएगा. रजनीकांत पिछले करीब पांच दशक से फिल्मी परदे पर अपना जादू अब तक बनाए हुए हैं. रजनीकांत ने अपना राजनीतिक कैरियर भी शुरू करने का एलान कर दिया था लेकिन खराब स्वास्थ्य के चलते उन्होंने अपना फैसला बदल लिया.
51st Dadasaheb Phalke Award will be conferred upon actor Rajinikanth, says Union Minister Prakash Javadekar. pic.twitter.com/682c6qaUXV
— ANI (@ANI) April 1, 2021
फिल्मी दुनिया से राजनीति में आने की थी पूरी तैयारी
रजनीकांत ने अब तक तमिल और हिंदी समेत अन्य भाषाओं की फिल्मों में काम किया है. उन्होंने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत 1975 में एक तमिल फिल्म अपूर्व रागंगल से की थी. अब तक के फिल्मी कैरियर में उन्होंने बिल्ला (1980), अंधा कानून (1983), शिवाजी द बॉस (2007), रोबोट (2010) जैसी फिल्में की हैं. उन्होंने बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन और हेमामालिनी के साथ अंधा कानून के साथ प्रवेश किया था. उनकी अंतिम प्रदर्शित फिल्म दरबार थी. इसके बाद एक तमिल मूवी अन्नाथे की शूटिंग चल रही है जिसके दौरान वह पिछले साल दिसंबर 2020 में बीमार हुए और इसके बाद स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने राजनीति में प्रवेश के लिए मना कर दिया. इससे कुछ समय पहले उन्होंने एलान किया था कि 31 दिसंबर तक वह राजनीति से बड़ी घोषणा कर सकते हैं. ऐसा माना जा रहा था कि 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह अपनी राजनीतिक पार्टी को लेकर घोषणा कर सकते हैं.
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भारतीय सिनेमा में योगदान पर मिलता है यह सम्मान
दादासाहेब फाल्के सम्मान को भारत सरकार हर साल किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए देती है. इसकी शुरुआत भारतीय फिल्मों के पितामह दादासाहेब फाल्के के जन्मशती वर्ष 1969 से हुआ था और उस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए आयोजित 17वें समारोह में पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया. यह सम्मान अब तक सत्यजीत रे (1984), राजकपूर (1987), अशोक कुमार (1988), लता मंगेशकर (1989), भूपेन हजारिका (1992), दिलीप कुमार (1994), बीआर चोपड़ा (1998), आशा भोंसले (2000), यश चोपड़ा (2001), देव आनंद (2002), प्राण (2012), गुलजार (2013), शशि कपूर (2014), मनोज कुमार (2015), विनोद खन्ना (20177) और अमिताभ बच्चन (2019) को मिल चुका है.