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लीडिंग कंज्यूमर डेटा इंटेलिजेंस कंपनी, एक्सिस माई इंडिया (Axis My India) ने इंडिया कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स (CSI) के ताजा नतीजे जारी कर दिए हैं.
लीडिंग कंज्यूमर डेटा इंटेलिजेंस कंपनी, एक्सिस माई इंडिया (Axis My India) ने इंडिया कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स (CSI) के ताजा नतीजे जारी कर दिए हैं. यह इंडेक्स अलग-अलग तरह के मुद्दों पर कंज्यूमर्स की मान्यता का मासिक विश्लेषण है. भारत के स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में कंज्यूमर सेंटीमेंट सर्वे (CSI) में बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख पहलुओं को लेकर नागरिकों के नज़रिए को जानने की कोशिश की गई है. इस सर्वे में सरकार से बेहतर जीवन और आजीविका की उम्मीदों के साथ-साथ, पर्यावरण और राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर आम लोगों की सोच में आये बदलाव का भी पता चला. आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या है.
सर्वे में 10205 लोगों को किया गया शामिल
सर्वे में शामिल 10205 से अधिक लोगों में से 71% ग्रामीण भारत से हैं जबकि 29% शहरी भारत से हैं. यह सेंटीमेंट एनालिसिस 5 प्रासंगिक सब-इंडेक्स के आधार पर किया जाता है, जिसमें ओवरऑल घरेलू खर्च, जरूरी और गैर-जरूरी मदों पर खर्च, हेल्थ केयर पर खर्च, मीडिया के उपभोग की आदतें और मोबिलिटी ट्रेंड्स शामिल हैं. इस सर्वे से पता चलता है कि भले ही 44% उत्तरदाताओं का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में लाइफ-स्टाइल में सुधार हुआ है, लेकिन 34% अभी भी महंगाई को लेकर चिंतित हैं. कुल मिलाकर, अगले 25 वर्षों में भारत के भविष्य को लेकर आम लोग काफी आशावादी हैं.
ये रहे सर्वे के अहम नतीजे
- 61% परिवारों के लिए कुल घरेलू खर्च बढ़ गया है, जो पिछले महीने से 2 प्रतिशत अधिक है. पिछले महीने नेट स्कोर +50 था जो इस महीने +2 बढ़कर +52 हो गया है.
- एसी, कार और रेफ्रिजरेटर जैसे गैर-जरूरी प्रोडक्ट्स पर खर्च 88% परिवारों के लिए समान है. हालांकि खर्च केवल 6 प्रतिशत परिवारों के लिए बढ़ा है जो पिछले महीने के समान 0 के शुद्ध स्कोर को दर्शाता है.
- 38% परिवारों के लिए स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं की खपत बढ़ गई है, जो पिछले महीने 35% थी. स्वास्थ्य वस्तुओं पर कम खर्च बेहतर सेंटीमेंट को दर्शाता है. नेट स्कोर वैल्यू पिछले महीने के -21 की तुलना में -24 है.
- 87% परिवारों ने कहा कि वे छोटी छुट्टियों, मॉल और रेस्तरां के लिए बाहर जा रहे हैं. बढ़ी हुई यात्रा केवल 6 प्रतिशत परिवारों के बीच दिखती है, जो पिछले महीने से 1% अधिक है. समग्र मोबिलिटी नेट स्कोर -1 है.
- पिछले 75 वर्षों में भारत की प्रगति को स्वीकार करते हुए, 56% उत्तरदाताओं का मानना है कि 100 वर्ष पूरे हो जाने पर भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था होगा.
- सर्वेक्षण में पाया गया कि 34 प्रतिशत उत्तरदाता चाहते हैं कि सरकार महंगाई से मुकाबला करे, जबकि 28 प्रतिशत रोजगार के अवसरों में सुधार चाहते हैं. किसान की समृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना तीसरी प्रमुख चिंता (7 प्रतिशत का दृष्टिकोण) को दर्शाता है.
- लगभग 44 प्रतिशत का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है. 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि यह सुधार पिछले 8 वर्षों में हुआ है.
- 92 प्रतिशत ने कहा कि वे भारतीय ब्रांड पसंद करेंगे, जबकि केवल 6 प्रतिशत ने कहा कि वे भारतीय और साथ ही आयातित ब्रांड खरीदेंगे.
- 63 प्रतिशत ने कहा कि वे पर्यावरण के अनुकूल या प्राकृतिक उत्पादों के लिए अधिक खर्च करने के लिए तैयार हैं.
- केवल 39 प्रतिशत ने डिजिटल/ऑनलाइन भुगतान प्रोसेस किया है. जबकि 61% उत्तरदाताओं ने अभी भी भुगतान के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग नहीं किया है. 38% ने कहा कि विज्ञापन उनके खरीद निर्णय को प्रभावित करता है.
- 44 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं कि कोविड -19 महामारी के दौरान उनके बच्चे की पढ़ाई-लिखाई पर ऑनलाइन शिक्षा का गंभीर प्रभाव पड़ा है. जबकि केवल 25% का मानना था कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
- 96 प्रतिशत इस बात से सहमत हैं कि पुरुषों और महिलाओं को घरेलू जिम्मेदारियों को समान रूप से साझा करना चाहिए. पुरुष और महिला दोनों ही उत्तरदाताओं ने इस बात को लगभग समान रूप से माना (95 प्रतिशत पुरुष और 97 प्रतिशत महिलाएं).