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Gennova started Phase-I trials last month and has covered 120 volunteers.
Covid-19 Vaccine After Recovery: कोरोना वायरस को हराने के लिए देश भर में वैक्सीनेशन का काम जारी है. इस बीच वैक्सीन की नीतियों में भी बदलाव भी हो रहा है. यह सवाल बार बार उठ रहा है कि अगर कोई मरीज कोरोना से रिकवर होता है तो ठीक होने पर उसे कितने दिनों बाद वैक्सीन लगवाना चाहिए. इस बीच राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने सिफारिश की है कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो गए हैं, उन्हें रिकवरी के 9 महीने के बाद कोविड वैक्सीन लगवाना चाहिए. इसके पहले NTAGI ने कोरोनाप से रिकवर हुए मरीजों को 6 महीने के अंतराल पर टीका लगवाने का सुझाव दिया था.
NTAGI की ओर से यह फैसला उस वक्त लिया गया है, जब कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12-16 सप्ताह किया गया है. पहले कोविशील्ड की दो खुराक के बीच चार से 8 सप्ताह का अंतर था. माना जा रहा है कि विशेषज्ञ पैनल ने समय-सीमा की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों डेटा को देखा ताकि किसी के दोबारा संक्रमित होने का खतरा ना हो.
तथ्यों को देखते हुए सुझाव
एक्सपर्ट ग्रुप की ओर से तथ्यों को देखते हुए इस तरह का सुझाव दिया गया है. भारत में कोरोना की पहली लहर के दौरान रिइन्फेक्शन का रेट 4.5 फीसदी तक था, इस दौरान 102 दिन का अंतर देखने को मिला था. वहीं, कुछ देशों में स्टडी में पाया गया है कि कोरोना संक्रमित के बाद 6 महीने तक इम्युनिटी रह सकती है, इसलिए इतना वक्त जरूरी है. हालांकि, जब कोरोना महामारी अभी भी जारी है, ऐसे में रिइन्फेक्शन की संभावना बनी हुई है. ऐसे में अगर किसी को पहली या दूसरी डोज के लिए इंतजार करना पड़ता है, तो ये लाभकारी भी हो सकता है.
पहली डोज के बाद कोरोना हो जाए तो
NTAGI ने पहले कहा था कि जिन लोगों को टीके की पहली खुराक मिली और दूसरी डोज से पहले कोरोना संक्रमित हो जाएं तो उन्हें संक्रमण से उबरने के बाद 4 से 8 सप्ताह तक इंतजार करना चाहिए. सुझाव दिया गया था कि जिन रोगियों को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या कान्वलेसन्ट प्लाज्मा दिया गया था, वे डिस्चार्ज होने के दिन से 3 महीने बाद वैक्सीनेशन करा सकते हैं.
एंटीबॉडी बढ़ाने में मिलेगी मदद
पैनल ने कहा है कि संक्रमण होने और पहला डोज मिलने के बीच के अंतर को बढ़ाने से एंटीबॉडी को और बढ़ाने में मदद मिल सकती है. पैनल ने यह भी सुझाव दिया है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीकाकरण के लिए योग्य माना जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय एक दो दिनों में इस मामले पर फैसला ले लेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना से ठीक होने और कोविड वैक्सीन की पहली खुराक के बीच छह महीने का अंतर सुरक्षित है.