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भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इसी मंगलवार को (16 जनवरी, 2024) को एक सर्कुलर में यह जानकारी दी.
EPFO Removes Aadhaar for Date of Birth Proof: एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन यानी ईपीएफओ (EPFO) ने जन्म तिथि प्रमाण यानी डेट ऑफ बर्थ प्रूफ के तौर पर वैलिड डॉक्यूमेंट लिस्ट से आधार को हटा दिया है. भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इसी मंगलवार को (16 जनवरी, 2024) को एक सर्कुलर में यह जानकारी दी. ईपीएफओ ने एक सर्कुलर में कहा है कि ‘आधार’ को वैध डाक्यूमेंट्स लिस्ट से हटाने का निर्णय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के निर्देश के बाद लिया गया है.
मंगलवार को जारी इस सर्कुलर के मुताबिक, ईपीएफओ से संबंधित कामकाज के दौरान जन्मतिथि में सुधार के लिए भी आधार को वैध डाक्यूमेंट्स लिस्ट से हटाया जा रहा है. यूआईडीएआई ने 22 दिसंबर, 2023 को एक सर्कुलर में कहा था कि आधार नंबर का इस्तेमाल सत्यापन के बाद किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है और इस वजह से यह जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है.
आधार पर क्या कहता है UIDAI का निर्देश
यूआईडीएआई के 2023 के सर्कुलर 8 में बताया गया है कि आधार अधिनियम, 2016 के अनुसार आधार एक स्पेशल आईडी है इसे जन्म तिथि प्रमाणपत्र के रूप में मान्यता हासिल नहीं है. इस बात पर जोर देते हुए यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार आईडेंटिटी वेरीफिकेशन सुनिश्चित करता है, जन्म का प्रमाण नहीं.
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ईपीएफओ द्वारा जन्म तिथि के प्रूफ के रूप में आधार को हटाना यूआईडीएआई के निर्देश और आधार की सीमाओं पर कानूनी रुख के अनुरूप है. ईपीएफओ सदस्यों और जन्मतिथि सुधार में शामिल संस्थाओं को इस बदलाव के बारे में जागरूक रहने की सलाह दी गई थी.
जन्म प्रमाण के बजाय पहचान सत्यापन में आधार की भूमिका पर यूआईडीएआई के जोर को कानूनी समर्थन प्राप्त था, जिससे सटीक दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता को बल मिला. यह विकास पहचान सत्यापन के उभरते परिदृश्य को दर्शाता है और नवीनतम नियामक अपडेट के अनुपालन में रहने के महत्व को रेखांकित करता है.
यूआईडीएआई ने यह भी कहा था कि ईपीएफओ जैसे कई निकाय जन्मतिथि को सत्यापित करने के लिए आधार का उपयोग कर रहे हैं. उसने कई उच्च न्यायालयों के आदेशों का संदर्भ देते हुए कहा था कि आधार जन्म तिथि का वैध प्रमाण नहीं है. जन्म तिथि के लिए वैध प्रमाण के रूप में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार से जारी होने वाला जन्म प्रमाण पत्र, किसी मान्यता प्राप्त सरकारी बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी अंकपत्र, पैन (स्थायी खाता संख्या) कार्ड जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल होता है.
UIDAI के निर्देश पर ईपीएफओ ने जन्म तिथि के लिए मान्य डाक्यूमेंट लिस्ट से आधार को हटा दिया. सर्कुलर में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि आधार को हटाना पहले जारी किए गए संयुक्त घोषणा एसओपी के अनुबंध-1 की तालिका-बी से संबंधित है. यह फैसला सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमीश्नर (सीपीएफसी) की मंजूरी से किया गया.
UIDAI के सर्कुलर में आधार अधिनियम, 2016 और नामांकन और अद्यतन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने वाले नियमों का उल्लेख किया गया है. 20 दिसंबर, 2018 के ऑफिस मेमोरेंडम में स्पष्ट रूप से कहा गया कि आधार जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है. बॉम्बे हाई कोर्ट सहित हाल के फैसलों ने इस बात पर जोर दिया कि आधार को जन्म का प्रमाण नहीं माना जा सकता. यूआईडीएआई के निर्देश को 2023 के सर्कुलर नंबर 08 के माध्यम से सभी प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (एयूए) और नो योर कस्टमर यूजर एजेंसियों (केयूए) को सूचित किया गया था.