scorecardresearch

वोटर ID से आधार को लिंक करने पर मोदी सरकार सहमत, लेकिन डेटा सिक्योरिटी की रखी शर्त

कानून मंत्रालय वोटर आईडी को आधार से लिंक कराने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर सशर्त सहमत है.

कानून मंत्रालय वोटर आईडी को आधार से लिंक कराने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर सशर्त सहमत है.

author-image
FE Online
एडिट
New Update
aadhar and voter id link process gets permission from modi government but will have to take security measures of data

कानून मंत्रालय ने आधार और वोटर आईडी को लिंक करने की प्रक्रिया को अपनी मंजूरी दे दी है.

aadhar and voter id link process gets permission from modi government but will have to take security measures of data कानून मंत्रालय ने आधार और वोटर आईडी को लिंक करने की प्रक्रिया को अपनी मंजूरी दे दी है.

वोटर आईडी से आधार को लिंक कराने को लेकर चुनाव आयोग की मांग पर मोदी सरकार सहमत है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने इस मामले पर सहमति जताई है. हालांकि, कानून मंत्रालय ने इसमें चुनाव आयोग को डेटा सुरक्षा का ध्यान रखने को भी कहा है. चुनाव आयोग ने इस संबंध में कानून मंत्रालय को अपना प्रस्ताव भेजा था. उसने आधार नंबर की वोटर आईडी कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया के लिए कानूनी अधिकार मांगा था. चुनाव आयोग ने कहा था कि वोटर आईडी कार्ड से आधार के लिंक होने से डुप्लीकेट कार्ड और फर्जी वोटरों की पहचान करने में मदद मिलेगी.

Advertisment

रिपोर्ट के मुताबिक, वोटर आईडी लिस्ट में जुड़ने वाले नए वोटर और पहले से मौजूद मतदाताओं को उनके आधार नंबर को साझा करने के लिए कहा जाएगा. हालांकि, आधार की डिटेल्स नहीं दे पाने पर वोटर की सूची से किसी व्यक्ति की डिटेल्स को हटाया नहीं जाएगा.

कानून मंत्रालय ने क्या कहा ?

चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कानून मंत्रालय ने EC को कहा कि वह डेटा को सुरक्षित रखने और उसे चोरी या हैकिंग से बचाने के लिए कदमों के बारे में बताए. अपने जवाब में चुनाव आयोग ने दिसंबर में कानून मंत्रालय को सुरक्षा के लिए कदमों की सूची भेजी थी. आयोग ने यह बताया था कि ये कदम ऐप्लीकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों से संबंधित हैं.

पिछले साल अगस्त में चुनाव आयोग ने कानून सचिव को एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें उसने रिप्रसेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1950 और आधार एक्ट 2016 में संशोधन का प्रस्ताव किया था. चुनाव आयोग ने अपने खत में कहा था कि इन संशोधनों से उसे आधार डेटा को वोटर लिस्ट के लिए इस्तेमाल करने की कानूनी ताकत मिलेगी.

दिल्ली के फूड एक्सपोर्टर ने बैंकों को लगाया 819 करोड़ का चूना, CBI ने दर्ज किया केस

SC ने डेटा प्राइवेसी पर ध्यान देने को रहा था

चुनाव आयोग को जवाब में कानून मंत्रालय ने सितंबर में कहा था कि आयोग का तर्क सरकारी स्कीमों के अलावा आधार की डिटेल्स को इस्तेमाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गए बेंचमार्क पर खरा उतरता है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि लोगों की प्राइवेसी को सुरक्षा देने की जरूरत है.

यही वजह है चुनाव आयोग को सुरक्षा के लिए कदमों की जानकारी देनी होगी. 12 दिसंबर 2019 को चुनाव आयोग ने सुरक्षा के लिए कदमों की जानकारी भेजी था जिसमें टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनक्रिप्शन शामिल है.

आधार को वोटर आईडी कार्ड से लिंक करने को लेकर सबसे पहले पहल मुख्य चुनाव आयुक्त एच एस ब्रह्मा ने की थी. हालांकि, आधार-वोटर आईडी को लिंक करने की प्रक्रिया पर अगस्त 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.

Uidai Election Commission