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Adani Group counterattack on Hindenburg: इससे पहले यह लॉ फर्म ट्विटर के साथ एलन मस्क मुद्दे पर काम कर चुकी है.
Adani Group hires law firm Watchtell against Hindenburg: अमेरिका की शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की रिसर्च ने अडानी समूह (Adani Group) की मुश्किलें बढ़ा दी है. अब ग्रुप से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च से कानूनी रूप से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके लिए ग्रुप ने अमेरिकी कानूनी फर्म वाचटेल, रोसेन और काट्ज (Wachtell Lipton, Rosen and Katz) को काम पर रखा है.
फर्म सेक्युरिटी लॉ और कॉरपोरेट गवर्नेंस में माहिर
रिपोर्ट में कहा गया है कि जारी संकट से निपटने के लिए अडानी ग्रुप ने न्यूयॉर्क के वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज (Lipton, Rosen and Katz) के वरिष्ठ वकीलों के संपर्क में है. इस पहले यह लॉ फर्म ट्विटर के साथ एलन मस्क मुद्दे पर काम कर चुकी है. गौरतलब है कि ये फर्म स्ट्रेटजिक इन्वेस्टमेंट, शेयरहोल्डर एक्टिविज्म, सेक्युरिटी लॉ और कॉरपोरेट गवर्नेंस में माहिर है.
जानकारों का क्या है कहना?
- दिल्ली हाईकोर्ट में वकील शशांक अग्रवाल का कहना है कि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के साथ अपनी लड़ाई में गंभीरता दिखाई है. इससे पता चलता है कि उनके मानहानि का मुकदमा दायर करने की संभावना है.
- Kred Jure के मैनेजिंग पार्टनर अंकुर महिंद्रा ने कहा कि यूएस में मुकदमा चलाने से हिंडनबर्ग को अडानी के डॉक्यूमेंटशन और रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त होगी, जिसकी अडानी के लिए अपनी चुनौतियां हैं. इसलिए, ऐसी कोई भी कार्रवाई शुरू करने से पहले उन्हें बेहद सावधान रहना चाहिए.
- वेस्टा लीगल (Vesta Legal) के पार्टनर अपूर्वा भदांग ने कहा कि यह कदम बहुत देर से लिया जा रहा है. समूह और उनके वकीलों को अपने कॉरपोरेट गवर्नेंस में विश्वास बहाल करने के लिए रिपोर्ट के निष्कर्षों और आरोपों को उनकी योग्यता के आधार पर पूरा करना होगा. फाइनेंशियल और कंपनी की प्रतिष्ठा में जो डैमेज हुआ उसकी भरपाई जल्द होती नहीं दिख रही है
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