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Adani-Hindenburg Row: कोर्ट में अभी तक अडानी से जुड़े चार जनहित याचिकाएं दायर हो चुकी हैं.
Adani-Hindenburg Row: अडानी-हिंडनबर्ग मामले से जुड़ी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने अडानी मामले में कमेटी बनाने का फैसला किया है और इसके नियुक्ति से जुड़े मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजार के लिए रेगुलेशन को मजबूत बनाने की खातिर जानकारी की समिति पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे (Sealed Cover) में स्वीकार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया.
हम पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं: सुप्रीम कोर्ट
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़़ (DY Chandrachud), न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा (PS Narasimha) और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला (JB Pardiwala) की पीठ ने कहा कि वह निवेशकों (Investors) के हितों में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखना चाहती है तथा वह सीलबंद लिफाफे में केंद्र सरकार के सुझाव को स्वीकार नहीं करेगी. पीठ ने कहा, ‘‘हम सीलबंद लिफाफे में आपके सुझावों को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि हम पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं।’’
इससे पहले कोर्ट ने क्या था?
इससे सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को अडाणी समूह के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट की पृष्ठभूमि में भारतीय निवेशकों (Indian Investors) के हितों को बाजार की अस्थिरता को देखते हुए भी टिप्पणी की थी. उस वक्त कोर्ट ने केंद्र से रेगुलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक समिति बनाने पर विचार करने को कहा था.
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अब तक 4 याचिकाएं कोर्ट में दाखिल
कोर्ट में अभी अडानी से जुड़े चार जनहित याचिकाएं दायर हो चुकी हैं. वकील एम एल शर्मा और विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हैं. गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ कई आरोप लगा जाने के बाद, समूह के शेयरों की कीमतों में काफी गिरावट आई है. हालांकि, अडानी समूह ने उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज किया है.