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Adipurush Controversy : भूपेल बघेल ने कहा है कि विवादित फिल्म में बीजेपी के तमाम मुख्यमंत्रियों का आभार व्यक्त किया गया है, बीजेपी के लोग इस फिल्म के मुद्दे पर मौन हैं. (Screenshot of video shared by Bhupesh Baghel on Twitter)
Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel on Adipurush Controversy : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विवादों में घिरी फिल्म आदिपुरुष के बारे में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह फिल्म बीजेपी के लोगों द्वारा बनवाई गई है. उन्होंने यह भी कहा कि आस्था का अपमान करने वाली इस फिल्म के बारे में बीजेपी के नेता मौन हैं. भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि आदिपुरुष के संवाद आपत्तिजनक और स्तरहीन हैं और उनकी सरकार फिल्म पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकती है. बघेल ने यह दिलचस्प दावा भी किया कि रामानंद सागर ने लोकप्रिय टीवी सीरियल रामायण तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर बनाया था.
बीजेपी की क्रोनोलॉजी समझिए : भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आदिपुरुष के बारे में सवाल पूछे जाने पर बीजेपी को जमकर घेरा. उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट भी किया है, जिसमें लिखा है, "‘आदिपुरुष’ फ़िल्म भाजपा के लोगों द्वारा बनवाई गई है. यह लोग लगातार हमारी आस्था का अपमान कर रहे हैं. || जय सिया राम ||" इसी ट्वीट में भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत की अपनी एक वीडियो क्लिप भी शेयर की है, जिसमें उन्होंने कहा है, "भारतीय जनता पार्टी की क्रोनोलॉजी समझिए. मर्यादा पुरुषोत्तम राम को किस तरह से युद्धक राम बनाया, किस प्रकार से हनुमान जी को ये लोग एंग्री बर्ड बनाए और अब यह फिल्म आई है. इस फिल्म में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, आसाम के मुख्यमंत्री समेत भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का आभार व्यक्त किया है. इसका मतलब ये है कि ये पिक्चर भारतीय जनता पार्टी के लोगों के द्वारा बनवाई गई है और आज सारे भारतीय जनता पार्टी के लोग मौन हैं. इनका नाता केवल राजनीति से है. व्यावसायीकरण से है. हमारे तो आराध्य हैं, हमारी आस्था उन पर है और इनके लिए राजनीति का विषय है. भगवान राम हों या हनुमान जी हों, ये राजनीति और व्यावसायीकरण के लिए उनका उपयोग कर रहे हैं, जिसकी हम निंदा करते हैं."
‘आदिपुरुष’ फ़िल्म भाजपा के लोगों द्वारा बनवाई गई है.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 20, 2023
यह लोग लगातार हमारी आस्था का अपमान कर रहे हैं.
|| जय सिया राम || pic.twitter.com/73gc2Ptasl
धर्म के ठेकेदार बनने वाले दल अब चुप क्यों हैं : भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में आदिपुरुष फिल्म दिखाने पर रोक लगाने की मांग पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि इस फिल्म के डायलॉग में शब्दों का चयन बेहद आपत्तिजनक और निचले स्तर का है. बघेल ने कहा कि नई पीढ़ी के लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा? उन्होंने कहा कि अगर जनता ने मांग की तो हम इस फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगाने पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि फिल्म में भगवान हनुमान के डायलॉग ऐसे रखे गए हैं, जैसे शब्दों का इस्तेमाल बजरंग दल वाले करते हैं. उन्होंने कहा न तो हमारे पूर्वजों ने ऐसे हनुमान जी की कल्पना की थी और न ही आज का समाज इसे स्वीकार कर सकता है. बघेल ने कहा कि जो लोग छोटी-मोटी बातों पर भी थिएटर बंद कर देते हैं, उनमें आग लगा देते हैं, वे इस मसले पर खामोश हैं. उन्होंने पूछा कि जो राजनीतिक दल धर्म के ठेकेदार बनते हैं, वे अब चुप क्यों हैं?
आदिपुरुष जिन्हें पसंद नहीं है, वे न देखें : केंद्रीय मंत्री
'आदिपुरुष' पर जारी विवाद के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने कहा है कि जिन लोगों को यह फिल्म पसंद नहीं है वे इसे नहीं देखने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने फिल्म के विरोध में दिए जा रहे बयानों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कश्मीर फाइल्स पर भी ऐसे ही बयान दिए गए थे, जबकि वह फिल्म कश्मीर में हो रही घटनाओं का चित्रण थी. केंद्रीय मंत्री ने ये तमाम बातें सोमवार को उत्तर प्रदेश के भदोही में मीडिया से बातचीत में कहीं.
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कश्मीर फाइल्स पर भी ऐसे ही बयान दिए गए थे : केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने फिल्म पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा, "तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोग अपने वोट बैंक के प्रति बहुत सजग रहते हैं और इस प्रकार के बयान देते हैं. कश्मीर फाइल्स पर भी इसी तरह के बयान दिए गए थे, जबकि वह फिल्म कश्मीर में हो रही घटनाओं का चित्रण है." उन्होंने कहा, "साहित्य समाज का दर्पण होता है. वह चाहे लेखनी हो, फिल्म हो या फिर टेलीविजन. जिसे नहीं पसंद है वह देखने ना जाए, लेकिन साहित्य समाज का दर्पण है. चाहे चांदी-सोने में ही मढ़वा दो, लेकिन दर्पण झूठ नहीं बोलता."