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Aditya L-1: शनिवार को लॉन्च होगा भारत का पहला सूर्य मिशन, यहां देख सकते हैं लाइव

Aditya L-1 mission: इसरो 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य-एल1 सौर जांच लॉन्च करने के लिए तैयार है.

Aditya L-1 mission: इसरो 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य-एल1 सौर जांच लॉन्च करने के लिए तैयार है.

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FE Hindi Desk
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Aditya L-1: इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन चैनल या इसरो के यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा.

Aditya L-1: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अभी 10 दिन पहले इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग किया था. ऐसा करने के साथ ही भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन गया है. अब इसरो 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य-एल1 सौर जांच (Aditya L-1 Solar Probe) लॉन्च करने के लिए तैयार है. आदित्य एल1 PSLV पर लॉन्च होगा और इसकी शुरुआत चंद्रयान-3 के जैसा ही होगा. ये पहले पृथ्वी की कक्षा में जाएग, फिर अपना स्पीड बढ़ाएगा और अंत में सूर्य की ओर आगे बढ़ेगा.

कहां देख सकते हैं लाइव?

इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन चैनल या इसरो के यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा. इसरो ने 1 सितंबर को आदित्य-एल1 मिशन के लाइव टेलीकास्ट का लिंक भी शेयर किया है. आदित्य L1 का लॉन्च कल सुबह 11:50 बजे (IST) तय किया गया है. इससे पहले 31 अगस्त को, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भी एक अपडेट साझा किया था जिसमें कहा गया था कि "हम अभी लॉन्च के लिए तैयार हो रहे हैं. रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं. हमने लॉन्च के लिए रिहर्सल पूरी कर ली है. इसलिए कल हमें इसके लिए उल्टी गिनती शुरू करनी होगी."

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क्या है सोलर मिशन का इरादा?

आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष-आधारित भारतीय मिशन होगा. इसे सूर्य और पृथ्वी के पहले लैग्रेंज बिंदु (L1) के चारों ओर एक हालो ऑर्बिट में स्थापित करने का इरादा है. इसके बाद इसरो बिना ग्रहण के सूर्य की स्थिति पर लगातार नजर बनाए जा सकता है. अंतरिक्ष यान वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभावों का अध्ययन करेगा. यह इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक, पार्टिकल और और मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टरों का उपयोग करके सूर्य के वायुमंडल के फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सबसे बाहरी परतों का निरीक्षण करने के लिए कक्षा में सात पेलोड ले जाएगा. आदित्य-एल1 मिशन इसरो, पुणे के इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स और अन्य संगठनों के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक दशक के काम का नतीजा है.

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