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UP और MP के बाद गुजरात में भी लेबर रिफॉर्म, नए प्रोजेक्ट्स को श्रम कानूनों से छूट

गुजरात ने नए प्रोजेक्ट्स को श्रम कानूनों के प्रावधानों से छूट दे दी है.

गुजरात ने नए प्रोजेक्ट्स को श्रम कानूनों के प्रावधानों से छूट दे दी है.

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after uttar pradesh and madhya pradesh gujarat do labour reforms give exemption to new projects

गुजरात ने नए प्रोजेक्ट्स को श्रम कानूनों के प्रावधानों से छूट दे दी है.

after uttar pradesh and madhya pradesh gujarat do labour reforms give exemption to new projects गुजरात ने नए प्रोजेक्ट्स को श्रम कानूनों के प्रावधानों से छूट दे दी है.

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के श्रम कानूनों में बड़े बदलाव का एलान करने के बाद अब गुजरात ने नए प्रोजेक्ट्स को श्रम कानूनों के प्रावधानों से छूट दे दी है. हालंकि, यह छूट तभी लागू होगी, अगर यूनिट कम से कम 1200 दिनों के लिए प्रतिबद्ध है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने एलान किया कि मौजूदा श्रम कानून के तहत आने वाले न्यूनतम वेतन, सुरक्षा और दुर्घटना की स्थिति में मुआवजे से संबंधित नियम लागू रहेंगे और इन तीन मामलों में कोई छूट नहीं दी जाएगी.

यूपी में तीन साल तक छूट

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गुजरात के श्रम कानूनों में छूट देने का कदम लेने से पहले योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार ने सभी श्रम कानूनों को वापस लेने का एलान किया था. इसमें तीन कानून और एक प्रावधान को छोड़कर अगले तीन साल के लिए सभी कानून वापस ले लिए गए हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एलान किया था कि कंपनियों, दुकानों आदि के लिए नए रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस 30 दिन की जगह केवल एक दिन में किए जाएंगे.

विजय रुपाणी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार उन कंपनियों का स्वागत करेगी जो वर्तमान में अमेरिका, चीन और दूसरे देशों में कामकाज कर रही हैं और गुजरात में शिफ्ट होना चाहती हैं और वह इस सिलसिले में दूसरे देशों में भातरीय दूतावासों के साथ समन्वय भी रख रही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य के अधिकारी उन कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भी काम कर रहे हैं जो चीन से खुद को बाहर निकालना चाहती हैं.

उन्होंने बताया कि चीन के पास कई जगहों पर औद्योगिक प्रोजेक्ट्स के लिए उत्पादन की सुविधा मौजूद है जिसमें सानंद, दहेज, SEZs, GIDC एस्टेट्स और धोलेरा शामिल हैं.

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कई राज्यों ने किया श्रम कानूनों में सुधार

इस बीच कई राज्य कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से रुकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपने श्रम कानूनों में छूट देने के लिए आगे आ रहे हैं. बहुत से राज्यों ने काम करने के लिए अतिरिक्त घंटों को मंजूरी दे दी है. इसे 8 घंटे प्रति दिन से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है जिससे कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के खत्म होने के बाद फैक्ट्रियों का काम शुरू होने पर उत्पादन की रफ्तार को बढ़ाया जा सके.

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