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अग्निपथ योजना के देशभर में विरोध के बीच बीजेपी नेताओं के कई बयानों पर हुआ विवाद.
सेना में नए भर्ती होने वाले 75 फीसदी जवानों को 4 साल बाद रिटायर करने की अग्निपथ योजना के देश भर में जारी विरोध के बीच बीजेपी के कुछ बड़े मंत्रियों और नेताओं के बयान नये विवाद की वजह बन गए हैं. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय मंत्री वी के सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इन विवादित बयानों पर सोशल मीडिया और सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के इन बयानों की तरफ इशारा करते हुए ट्विटर पर लिखा है, "जिन्होंने आज़ादी के 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया, उनसे जवानों के सम्मान की उम्मीद नहीं की जा सकती. युवा, सेना में भर्ती होने का जज़्बा, चौकीदार बन कर भाजपा कार्यालयों की रक्षा करने के लिए नहीं, देश की रक्षा के लिए रखते हैं. प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बेइज़्ज़ती पर मोहर है."
जिन्होंने आज़ादी के 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया, उनसे जवानों के सम्मान की उम्मीद नहीं की जा सकती।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 19, 2022
युवा, सेना में भर्ती होने का जज़्बा, चौकीदार बन कर भाजपा कार्यालयों की रक्षा करने के लिए नहीं, देश की रक्षा के लिए रखते हैं।
प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बेइज़्ज़ती पर मोहर है।
राहुल गांधी ने अपने इस बयान में कैलाश विजयवर्गीय के जिस बयान की तरफ इशारा किया है, वह बीजेपी महासचिव ने इंदौर में रविवार को ही दिया है. विजयवर्गीय ने अग्निपथ योजना के फायदे गिनाते हुए मीडिया के कैमरों के सामने कहा कि उन्हें अगर बीजेपी ऑफिस में सिक्योरिटी के लिए किसी को रखना होगा तो वे अग्निवीर को प्राथमिकता देंगे. इसके साथ ही उन्होंने एक किस्सा भी सुनाया कि किस तरह उनके एक मित्र ने अपने घर पर पत्नी-बच्चों की सिक्योरिटी के लिए एक रिटायर्ड फौजी को रखा है और उसे ड्राइविंग भी सिखाई है.
#WATCH मुझे अगर बाजपा कार्यालय में सिक्योरिटी रखनी होगी तो मैं एक अग्निवीर को प्राथमिकता दूंगा, आप भी कर सकते हैं... लोगों को सेना के जवानों पर भरोसा है: मध्य प्रदेश के इंदौर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय pic.twitter.com/Vtkr65sUp8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 19, 2022
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी के बयान पर भी विवाद
विजयवर्गीय के इस बयान के अलावा केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे कथित तौर पर सेना से रिटायर अग्निवीरों को ट्रेनिंग देकर बेहतर ड्राइवर, नाई, धोबी और इलेक्ट्रीशियन बनाए जाने की बात कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल ने किशन रेड्डी और कैलाश विजयवर्गीय के इन बयानों पर तीखा हमला करते हुए लिखा, "मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, अग्निवीर अच्छे धोबी, नाई, ड्राइवर और इलेक्ट्रिशियन बनेंगे. BJP महासचिव विजयवर्गीय उन्हें अच्छा चौकीदार बताते हैं. इससे पहले वे पान-पकौड़ा को उचित रोज़गार बता चुके हैं. गुजरात में पंक्चर सिखा रहे हैं. भीख को भी रोज़गार बता चुके हैं. ये कहाँ आ गए हम?"
मेरा बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया : कैलाश विजयवर्गीय
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने विवाद होने के बाद अपने बयान पर सफाई भी दी है. उन्होंने पूरे विवाद के लिए विरोधियों को जिम्मेदार ठहराते हुए ट्विटर पर लिखा, "#अग्निपथ_योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वह जिस भी क्षेत्र में जायेंगे वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा. मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था. टूलकिट से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं. यह देश के कर्मवीरों का अपमान होगा. राष्ट्रवीरो-धर्मवीरों के ख़िलाफ़ इस टूलकिट गैंग के षड्यंत्रों को देश भली भांति जानता है."
#अग्निपथ_योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वह जिस भी क्षेत्र में जायेंगे वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) June 19, 2022
मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था।
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आपको किसने बुलाया, स्कीम पसंद नहीं तो मत आओ : वीके सिंह
इसी बीच. केंद्रीय मंत्री वी के सिंह के एक बयान पर भी विवाद हो रहा है. वीके सिंह ने अग्निपथ स्कीम की तारीफ करते हुए कहा है कि "यह एक वॉलंटरी यानी स्वैच्छिक स्कीम है. भारतीय सेना एक वॉलंटरी सेना है. हमारे यहां अनिवार्यता नहीं है. जिसको आना है, वो आए. अगर आपको स्कीम अच्छी नहीं लगती, आप मत आओ. आपको बोल कौन रहा है आने के लिए?"
कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सप्पल ने वीके सिंह के इस बयान का जवाब देते हुए कहा है, "भारत में हर एक जॉब वॉलंटरी है, जाति आधारित नौकरियों के अलावा. कोई भी किसी को, किसी भी वेकेंसी के लिए अप्लाई करने पर बाध्य नहीं कर सकता. तो क्या इसका यह मतलब हुआ कि आम लोगों को सपने देखने, जॉब सिक्योरिटी और सम्मान की अपेक्षा रखने का अधिकार नहीं है? क्या उन्हें अहंकार के साथ यह कहकर दरकिनार किया जा सकता है कि 'आपसे कौन कह रहा है आकर आवेदन दीजिए'? "
Every single job in India is voluntary, except caste based jobs. No one forces anyone to apply for any vacancy.
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) June 19, 2022
Does it mean people have no right to aspirations, job security, dignity? Can they be arrogantly pushed aside saying ‘who is saying you to come and apply’? https://t.co/ibsV89PYZA
क्या CISF का सस्ता विकल्प हैं अग्निवीर : कांग्रेस
इसके साथ ही गुरदीप सप्पल ने कुछ आंकड़ों की मदद से यह सवाल भी उठाया है कि बीजेपी सरकार और उसके नेता अग्निवीरों के जिस 'उज्ज्वल भविष्य' की बातें कर रहे हैं, उसका असली मतलब क्या कॉरपोरेट को भुगतान के आधार पर दी जाने वाली CISF की सिक्योरिटी का सस्ता विकल्प तैयार करना है?
उन्होंने ट्विटर पर यह मसला उठाते हुए लिखा है, "2015 में इंफोसिस ने CISF की सिक्योरिटी के लिए 46,400 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से भुगतान किया. इसमें DA वगैरह जोड़ दें तो अभी यह रकम 60,000 रुपये से ज्यादा ही होगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 40,400 रुपये की दर से भुगतान किया था. इस मुकाबले प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनियां 8000 रुपये से 18,000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से चार्ज करती हैं. अब प्रशिक्षित अग्निवीर प्राइवेट कंपनियों की दरों पर CISF की जगह ले सकते हैं. यही है उज्ज्वल भविष्य?"
In 2015, Infosys paid 46,400 per personnel to CISF for security. Now it would be above ₹60,000, adding DA etc. Reliance Industries paid ₹40,400.
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) June 19, 2022
Private securities companies charge ₹8000 to ₹ 18000/ person.
Now trained Agniveer can replace CISF at pvt. rates. Bright Future?
सप्पल ने अपने इस सवाल पर जोर देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के 7 मार्च 2022 को दिए बयान से जुड़ा एक ट्वीट शेयर भी किया है. इस ट्वीट में शेयर की गई खबर के मुताबिक गृह मंत्री ने CISF को सलाह दी थी कि वो निजी क्षेत्र के बड़े उद्योगों की सुरक्षा के लिए प्राइवेट सेक्टर की सिक्योरिटी एजेंसियों को ट्रेनिंग देने के हाइब्रिड मॉडल पर काम करे.