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Agnipath Scheme: अग्निपथ को आर्मी ने बताया पायलट स्कीम, कहा- 4 साल बाद संभव है बदलाव

Agnipath Scheme News: लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के मुताबिक अग्निपथ योजना को सरकारी नौकरी नहीं बल्कि नौकरी देने वाले एंटरप्रेन्योर बनाने के तौर पर डिजाइन किया गया है.

Agnipath Scheme News: लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के मुताबिक अग्निपथ योजना को सरकारी नौकरी नहीं बल्कि नौकरी देने वाले एंटरप्रेन्योर बनाने के तौर पर डिजाइन किया गया है.

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FE Hindi Desk
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Agnipath scheme a pilot tweaks if needed after 4-5 years says Army Vice Chief

सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर आर्मी स्टॉफ के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू का कहना है कि इसे अच्छी तरह से सोच-विचारकर लाया गया है.

Agnipath Scheme News: सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ (Agnipath) को लेकर आर्मी स्टॉफ के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू का कहना है कि इसे अच्छी तरह से सोच-विचारकर लाया गया है. अगर इस योजना में कोई बदलाव करने की जरूरत महसूस हुई तो इसे चौथे या पांचवे साल के आखिरी में किया जाएगा. उन्होंने ये बातें सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कही.

यह इंटरव्यू उसी दिन हुआ, जिस दिन अग्निपथ के लिए अनिवार्य ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से जुड़ी अधिसूचना जारी हुई. लेफ्टिनेंट जनरल ने इसे पायलट प्रोजेक्ट कहा है और कहा कि सैन्य बलों की चयन प्रक्रिया में यह सैद्धांतिक बदलाव है और लोगों को इस बदलाव को स्वीकार करने की जरूरत है. बता दें कि इस योजना को लेकर देश भर के कई हिस्सों में युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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योजना में क्या हो सकते हैं बदलाव?

राजू के मुताबिक अभी इस पर कुछ नहीं जा सकता है कि क्या बदलाव हो सकते हैं. इसमें चयन के तरीके, रिटेंशन-एक्सटेंशन की पर्सेंटेज या इसी प्रकार के किसी भी नियम को लेकर बदलाव की जरूरत महसूस हुई तो इसे चौथे या पांचवे साल के आखिरी में चार-पांच साल के अनुभव के आधार पर किया जाएगा जब पर्याप्त डेटा मौजूद होगा.

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जल्दबाजी में योजना लागू करने की बात से इनकार

अग्निपथ योजना को जल्दबाजी में लागू किया है, इससे लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने इनकार किया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि योजना लागू होने के कुछ ही दिनों के भीतर पहले तो सरकार ने इसके तहत भर्ती होने की अधिकतम उम्र सीमा (इस बार के लिए) को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष, चार साल बाद सेना से बाहर होने पर पूर्व-अग्निवीरों को सीएपीएफ (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज), 10 फीसदी कोस्ट गार्ड व डिफेंस पीएसयूज, राज्य की पुलिस सर्विसेज में वरीयता जैसे अहम ऐलान किए गए. ऐसे में राजू ने कहा कि यह ऐड-ऑन है जिस पर सरकार ने पहले ही सोच-विचार कर लिया था.

'सरकारी नौकरी नहीं, एंटरप्रेन्योर बनाने वाली योजना'

राजू के मुताबिक इस योजना को चार साल के बाद पेंशन देने के लिए नहीं बल्कि उन्हें अधिक क्षमता वाला युवा बनाने के रूप में डिजाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस योजना को सरकारी नौकरी के तौर पर नहीं डिजाइन किया गया है बल्कि इसका लक्ष्य युवाओं को स्किल देना है, ऐसे माहौल में रखना है जहां उसके सामने कई अवसर हों ताकि वह खुद एक एंटरप्रेन्योर बन सके.

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युवा क्यों हैं विरोध में?

अग्निपथ योजना को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कुछ जगहों पर यह हिंसक हो चला है. युवा वर्ष 2020 से सैन्य भर्ती का इंतजार कर रहे थे जब इसकी चयन प्रक्रिया पर रोक लगी थी. नई योजना जब आई तो इसमें परमानेंट जॉब की कोई गारंटी नहीं है और चार साल के बाद जो सेना से बाहर निकलेंगे, उनके लिए कोई पेंशन-हेल्थ बेनेफिट्स नहीं है, इस वजह से युवा सैन्य भर्ती की नई योजना का विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा इसके तहत सीमित संख्या में भर्ती हो रही है.

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