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अहमदाबाद सिविल हास्पिटल में प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों से की मुलाकात. (Image: PTI)
एयर इंडिया फ्लाइट 171 के भीषण हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, लेकिन चमत्कारिक रूप से एक यात्री जिंदा बच निकला. गुरुवार को एयर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट में सीट नंबर 11A पर बैठे 45 साल के विश्वास कुमार रमेश इस समय अहमदाबाद (Ahmedabad) के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं और अपने बाएं हाथ के जलने का इलाज करवा रहे हैं. अस्पताल के बेड से ही उन्होंने उस डरावने पल को याद करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने मौत के मुंह से खुद को बाहर निकाला.
यह विमान अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा था. गुरुवार दोपहर 1:39 बजे जैसे ही उड़ान भरी, कुछ ही सेकेंड बाद विमान ने 'MAYDAY' सिग्नल भेजा और फिर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया. कुछ ही पलों में यह विमान एयरपोर्ट के नजदीक स्थित बी जे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया. इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी सहित लगभग सभी की मौत हो गई.
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रमेश ने डीडी न्यूज को बताया, “मैं विमान के बाईं ओर खिड़की वाली सीट पर बैठा था, जो इमरजेंसी गेट के पास थी. मेरी तरफ का हिस्सा इमारत से नहीं टकराया था, नीचे कुछ जगह दिख रही थी. जब दरवाजा टूटकर खुला, तो मुझे बाहर निकलने का रास्ता नजर आया और मैं उसी रास्ते से बाहर निकलकर दौड़ गया. आज भी यकीन नहीं होता कि मैं जिंदा बच गया.” हादसे में बाद अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी आपबीती सुना रहे विश्वास कुमार रमेश ने ये बयान दिया. उनकी सीट (11A) इकोनॉमी क्लास की पहली लाइन में थी और इमरजेंसी गेट के बेहद पास थी. यही बात उनकी जान बचाने में सबसे अहम साबित हुई.
फिलहाल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) इस हादसे की जांच कर रहा है. पूरे देश में पीड़ित परिवार जवाबों का इंतज़ार कर रहे हैं. रमेश की कहानी सिर्फ उस भयानक हादसे की झलक नहीं दिखाती, बल्कि यह भारत की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक में जिंदा बचने की एक बहुत ही दुर्लभ और चौंकाने वाली कहानी भी है.