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एयर इंडिया के पायलट संगठन ने शनिवार को अपने सदस्यों को एयरलाइन की विनिवेश की प्रक्रिया में नहीं भाग लेने का सुझाव दिया है.
Air India Disinvestment: एयर इंडिया के पायलट संगठन IPG और ICPA ने शनिवार को अपने सदस्यों को एयरलाइन की विनिवेश की प्रक्रिया में नहीं भाग लेने का सुझाव दिया है. उसने कहा कि प्रबंधन ने उनकी असंगत वेतन में कटौती की चिंताओं को अब तक दूर नहीं किया है, जो इस साल अप्रैल से लागू है. सदस्यों को संयुक्त तौर पर संबोधित करते हुए इंडियन पायलट गिल्ड (IPG) और इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (ICPA) ने कहा कि जब दूसरी घरेलू एयरलाइंस ने पायलटों के लिए वेतन में कटौती को संशोधित किया है, एयर इंडिया ने ऐसा नहीं किया.
इस साल जनवरी में विनिवेश का सुझाव आया था
यह संदेश इस बीच आया है जब रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एयर इंडिया के कर्मचारी एक प्राइवेट इक्विटी फंड के साथ पार्टनरशिप में एयरलाइन के लिए बोली लगाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. और हर कर्मचारी को बोली के लिए 1 लाख रुपये का योगदान करने के लिए कहा जाएगा. एयर इंडिया और उसकी पूरे स्वामित्व वाली सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस के विनिवेश की प्रक्रिया का सुझाव इस साल जनवरी में दिया गया था.
बोली के लिए अपना सब्मिशन देने की आखिरी तारीख 14 दिसंबर को खत्म हो रही है. इसमें कहा गया है कि एयर इंडिया डायरेक्टर कमर्शियल मीनाक्षी मलिक का एयर इंडिया की रणनीतिक बिक्री में कर्मचारी की बोली से संबंधित एक खत उनके संज्ञान में लाया गया था. इस मामले में, सभी पायलटों को सुझाव दिया जाता है कि वे मैनेजमेंट अधिकारी द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया को स्वीकार या भाग नहीं ले, जब तक शीर्ष अधिकारियों के 10 फीसदी वेतन कटौती के मुकाबले पायलटों के लिए 70 फीसदी कटौती के मामले को संबोधित नहीं किया जा सकता.
इसमें यह भी कहा गया है कि जब भारत में दूसरी बड़ी एयलाइंस ने पायलटों की सैलरी में कटौती में संशोधन कर दिया है, एयर इंडिया सरकार के स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम होते हुए, हमारी मुश्किल का समाधान नहीं कर रही है.
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