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पिछले पांच वर्षों में नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी समेत 38 आर्थिक अपराधी देश छोड़कर भागे हैं. (Image- Pixabay)
अपराधियों को विदेश भागने से रोकने के लिए सरकार ने सख्त रूख अपनाया है. सरकार ने विमानन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने से 24 घंटे पहले सभी यात्रियों की पीएनआर डिटेल्स कस्टम अधिकारियों के साथ साझा करने का निर्देश दिया है. विमान कंपनियों को यात्रियों के नाम, कांटैक्ट डिटेल्स और पेमेंट डिटेल्स सााझा करनी होगी. इन जानकारियों का इस्तेमाल कस्टम विभाग देश में आने वाले और देश से बाहर जाने वाले यात्रियों की निगरानी में की जाएगी. इससे विदेश भागने वाले अपराधियों पर लगाम लगेगी.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सोमवार 8 अगस्त की तारीख में ‘पैसेंजर नेम रिकॉर्ड इंफॉर्मेशन रेगुलेशंस, 2022’ को नोटिफाई किया है और विमानन कंपनियों का इसका पालन करने को कहा है. इन प्रावधानों का उद्देश्य यात्रियों का 'रिस्क एनालिसिस' करना है ताकि आर्थिक और अन्य अपराधियों को भागने से रोका जा सके. इसके अलावा इस प्रावधान से तस्करी जैसे किसी भी अवैध व्यापार की जांच करने में मदद मिलेगी.
ये डिटेल्स करनी होगी साझा
इन प्रावधानों के तहत विमानन कंपनियां देश में आने वाले या देश से बाहर जाने वाले यात्रियों के नाम, बिलिंग/पेमेंट इंफॉर्मेशन (क्रेडिट कार्ड नंबर), टिकट जारी करने की डेट और यात्रा की तिथि, सहयात्रियों की डिटेल्स, ट्रैवल इटीनरी, ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर, ट्रैवल एजेंसी, बैगेज इंफॉरमेशन और कोड शेयर इंफॉर्मेशन जैसी डिटेल्स साझा करनी होगी. ये प्रावधान क्यों लाए गए हैं, इसकी कोई खास वजह नहीं बताई गई है लेकिन एनालिस्ट्स का मानना है कि बैंक लोन डिफॉल्टर्स को देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए इसे लाया गया है. सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी समेत 38 आर्थिक अपराधी देश छोड़कर भागे हैं.
60 और देश जुटाते हैं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की डिटेल्स
सीबीआईसी ने नेशनल कस्टम्स टारगेटिंग सेंटर-पैसेंजर का गठन किया है जो विमानन कंपनियों से मिली सूचना के जरिए कस्टम एक्ट के तहत अपराधों को रोकने के लिए काम करेगी. इस प्रावधान के बाद भारत 60 अन्य देशों के क्लब में शामिल हो गया जो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पीएनआर डिटेल्स कलेक्ट करती हैं. इससे पहले भारत में विमान कंपनियां इमिग्रेशन अथॉरिटीज को सिर्फ यात्रियों के नाम, राष्ट्रीयता और पासपोर्ट डिटेल साझा करनी होती थी. सरकार ने 2017 के बजट में पीएनआर डिटेल्स साझा करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन अब जाकर सोमवार को अधिसूचना जारी होने के बाद इसकी औपचारिक तौर पर शुरुआत हुई.
(इनपुट: पीटीआई)