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अखिल गोगोई UAPA मामलों में एनआईए कोर्ट से बरी, तीन साथियों के साथ जेल से छोड़े गए

अखिल गोगोई राजद्रोह के मामले में पिछले दो साल से जेल में बंद थे. असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए उन पर यूएपीए (UAPA)के तहत मामले दर्ज किए गए थे.

अखिल गोगोई राजद्रोह के मामले में पिछले दो साल से जेल में बंद थे. असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए उन पर यूएपीए (UAPA)के तहत मामले दर्ज किए गए थे.

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अखिल गोगोई UAPA मामलों में एनआईए कोर्ट से बरी, तीन साथियों के साथ जेल से छोड़े गए

सामाजिक कार्यकर्ता और असम की शिवसागर सीट से विधायक अखिल गोगोई (Akhil Gogoi) और उनके तीन साथियों को विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA) ने यूएपीए के तहत लगाए गए आरोपों से मुक्त कर दिया. इसके बाद उन्हें जेल से भी रिहा कर दिया गया. राजद्रोह के मामले में वह पिछले दो साल से जेल में बंद थे. असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए उन पर यूएपीए (UAPA) के तहत मामले दर्ज किए गए थे.

गोगोई और साथियों पर यूएपीए के तहत दो मामले में दर्ज थे

गोगोई और उनके साथियों को गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून, 1967 यानी UAPA के तहत दो मामलों में आरोपी बनाया गया था. लेकिन शिवसागर से निर्दलीय विधायक गोगोई और उनके दो साथियों को पहले मामले में 22 जून को आरोप मुक्त कर दिया था. गुरुवार को उन्हें दूसरे मामले भी आरोप मुक्त कर दिया गया.

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CAA के खिलाफ आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के आरोपी बनाए गए थे

NIA के स्पेशल जज प्रांजल दास ने गोगोई और उनके तीनों साथियों धैर्य कुंवर, मानस कुंवर और बिटू सोनोवाल पर चांदमारी केस में कोई आरोप दर्ज नहीं किया. इस केस में उन पर माओवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया गया था. एनआईए उनके खिलाफ दो केस में छानबीन कर रही थी. पहला मामला चांदमारी और दूसरा चाबुला पुलिस थाने में दर्ज किया गया था. गोगोई और उनके साथियों पर CAA के खिलाफ हिंसक भीड़ की अगुआई करने का आरोप लगाया गया था. कोर्ट ने गुरुवार को जेल को गोगोई का रिलीज ऑर्डर भेज दिया था. इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.

अखिल गोगोई ने असम की शिवसागर सीट से चुनाव जीता था. साथ ही इसी साल मार्च में अखिल गोगोई ने जेल से लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि हिरासत में उन्हें मानसिक एवं शारीरिक यातनाएं दी गईं. NIA अधिकारियों ने उन्हें आरएसएस और बीजेपी में शामिल होने पर तत्काल जमानत देने का प्रस्ताव दिया था. एंटी सीएए अभियान के दौरान गोगोई को दिसंबर, 2019 में जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था.

Nia