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अखिलेश यादव चाचा शिवपाल सिंह यादव (बाएं) के साथ
यूपी में समाजवादी पार्टी (SP) अब अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav) के चाचा शिवपाल सिंह ( Shivpal Singh Yadav) यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी. दोनों ने आज एक मुलाकात के दौरान मिल कर चुनाव लड़ने के समझौते पर मुहर लगा दी. 2017 के चुनाव से पहले ही चाचा-भतीजे के बीच भारी तनाव पैदा हो गया था और शिवपाल सिंह यादव ने नई पार्टी बना ली थी.अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने आएलडी (RLD) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ( SBSP)समेत कई क्षेत्रीय पार्टियों से पहले ही चुनावी गठबंधन कर लिया है ताकि बीजेपी के खिलाफ वोटों के विभाजन को रोका जा सके.
अखिलेश यादव ने कहा-क्षेत्रीय दलों को साथ लेने से एसपी मजबूत हो रही है
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बताया, " प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकEत हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है. अखिलेश के साथ विवाद के बाद शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) नाम से नई पार्टी बना ली थी.
2022 में वोटों के विभाजन को रोकना चाहते हैं अखिलेश
पिछले महीने शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि वह समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने या इसमें अपनी पार्टी का विलय करने के लिए कई बार अखिलेश यादव से मिल चुके थे. हालांकि इस पर अखिलेश ने अपनी ओर से कोई पहल नहीं की थी. लेकिन पिछले महीने उन्होंने कहा था कि वह अपने चाचा का पूरा सम्मान करते हैं. इसके बाद ये संकेत मिल गए थे कि शिवपाल सिंह यादव की पार्टी के साथ मिल कर वह चुनाव लड़ सकते हैं. समाजवादी पार्टी ने अब तक राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, केशव देव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल से चुनावी गठबंधन किया है. 2017 में यूपी में बीजेपी ने 312 सीटें जीती थीं जबकि समाजवाद पार्टी को सिर्फ 47 सीटों से संतोष करना पड़ा था.