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Akhilesh Yadav on Bharat Jodo Yatra : अखिलेश यादव ने क्यों कहा, बीजेपी-कांग्रेस एक हैं? भारत जोड़ो यात्रा का न्योता मिलने से भी किया इनकार

Why Akhilesh Yadav says BJP, Congress are same: 5 साल पहले राहुल गांधी के साथ मिलकर चुनाव प्रचार कर चुके अखिलेश यादव को अब कांग्रेस और बीजेपी में क्यों नहीं दिख रहा कोई फर्क, क्या ये भारत जोड़ो यात्रा का असर है?

Why Akhilesh Yadav says BJP, Congress are same: 5 साल पहले राहुल गांधी के साथ मिलकर चुनाव प्रचार कर चुके अखिलेश यादव को अब कांग्रेस और बीजेपी में क्यों नहीं दिख रहा कोई फर्क, क्या ये भारत जोड़ो यात्रा का असर है?

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Viplav Rahi
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Akhilesh Yadav on Bharat Jodo Yatra : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 3 जनवरी को उत्तर प्रदेश पहुंचेगी, अखिलेश यादव ने कहा है कि उन्हें यात्रा में शामिल होने का न्योता नहीं मिला है.

Why Akhilesh Yadav says BJP and Congress are same : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि उन्हें कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का कोई निमंत्रण नहीं मिला है. उनका ये बयान इसलिए अहम है, क्योंकि कांग्रेस कह चुकी है कि उसने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता उत्तर प्रदेश के कई गैर-बीजेपी नेताओं को भेजा है, जिनमें अखिलेश यादव भी शामिल हैं. कांग्रेस ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण भेजने की बात कही है. लेकिन अखिलेश ने न सिर्फ ये कहा कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता नहीं मिला है, बल्कि ये भी कह दिया कि बीजेपी और कांग्रेस एक ही हैं.

बीजेपी, कांग्रेस एक हैं, हमारी विचारधारा अलग है : अखिलेश

अखिलेश यादव ने कांग्रेस और बीजेपी के बारे में चौंकाने वाली बातें गुरुवार को लखनऊ में उस वक्त कहीं, जब मीडिया ने उनसे भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश से गुजरने के दौरान उसमें शामिल होने के बारे में सवाल किया. इस बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा, "हमें (भारत जोड़ो यात्रा के लिए) कोई निमंत्रण नहीं मिला है. हमारी पार्टी की विचारधारा अलग है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक ही हैं."

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अखिलेश ने पहले कहा था 'हमारी भावना भारत जोड़ो के साथ है'

इससे पहले पत्रकारों ने सोमवार को भी अखिलेश यादव से पूछा था कि वे भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का राहुल गांधी का निमंत्रण स्वीकार करेंगे या नहीं, तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया था. उस वक्त अखिलेश ने कहा था, “हमारी भावना है कि भारत जोड़ो…हमारी भावना है उसके साथ. लेकिन सवाल ये है कि बीजेपी को हटाएगा कौन?” समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस से यह भी कहा था कि अखिलेश यादव के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के आसार नहीं है, क्योंकि पार्टी के कुछ कार्यक्रम पहले से तय हैं. इसके साथ ही राजेंद्र चौधरी ने यह भी कहा था कि पार्टी को यात्रा के लिए कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है. बीएसपी की तरफ से भी ऐसी ही बात कही जा चुकी है. आपको बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में निकल रही भारत जोड़ो यात्रा 3 जनवरी को उत्तर प्रदेश पहुंचने वाली है. कांग्रेस की यह पदयात्रा 24 दिसंबर को दिल्ली पहुंची थी, जिसके बाद 3000 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर चुके राहुल गांधी समेत तमाम पदयात्रियों को एक हफ्ते का ब्रेक दिया गया है.

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कभी एक साथ चुनाव प्रचार करते थे 'यूपी के दो लड़के'

भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश के गुजरने के दौरान उसमें शामिल होने का न्योता किसे दिया गया है और किसे नहीं, इस बारे में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या बीएसपी नेताओं के परस्पर विरोधी बयान निश्चित रूप से हैरान करने वाले हैं. लेकिन उससे भी ज्यादा चौंकाने वाला अखिलेश यादव ये बयान है कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही हैं. ऐसा इसलिए कि ये वही कांग्रेस है, जिसके साथ मिलकर अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने की कोशिश कर चुके हैं. उस वक्त राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक साथ चुनाव प्रचार करते थे, जिन्हें यूपी के दो लड़कों की टीम बताया जाता था.

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2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान लखनऊ में रोडशो करते अखिलेश यादव और राहुल गांधी (File Photo : PTI)

कांग्रेस-बीजेपी एक हैं तो पहले किससे मिलाया था हाथ?

अखिलेश के ताजा बयान के बाद उनसे ये सवाल भी पूछा जा सकता है कि अगर बीजेपी और कांग्रेस एक ही हैं, तो उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ राहुल गांधी से हाथ क्यों मिलाया था? जिस वक्त 'यूपी के दोनों लड़के' एक ही मंच से भाषण देते थे, साथ-साथ रोडशो करते थे. उस वक्त कांग्रेस-बीजेपी के एक ही होने का ख्याल अखिलेश को क्यों नहीं आया? कहीं उनके ताजा बयान की वजह ये फिक्र तो नहीं है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को अब तक देश के कई इलाकों में जिस तरह समर्थन मिला है, वैसा अगर उत्तर प्रदेश में भी हुआ तो कांग्रेस में नई जान आ सकती है और ऐसा होना समाजवादी पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा?

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क्या भारत जोड़ो यात्रा बढ़ा रही है अखिलेश की चिंता?

उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले कह सकते हैं कि राज्य में कांग्रेस के संगठन की हालत इतनी कमजोर हो चुकी है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में लोगों की भीड़ भले ही उमड़ आए, उससे पार्टी की चुनावी हैसियत में सुधार नहीं होने वाला. लेकिन ऐसे विश्लेषण क्या समाजवादी पार्टी को दिलासा देने के लिए काफी हैं? अखिलेश यादव ने जिस तरह बीजेपी और कांग्रेस को एक ही पलड़े में रखने की कोशिश की है, उससे तो यही लगता है कि वे प्रदेश में कांग्रेस की चुनौती को हल्के में नहीं लेना चाहते. क्या उन्हें यह चिंता सता रही है कि अगर राहुल गांधी की यात्रा लोगों तक यह संदेश पहुंचाने में सफल हुई कि देश की राजनीति में बीजेपी को असली चुनौती देने का काम कांग्रेस ही कर सकती है, तो उत्तर प्रदेश के बीजेपी विरोधी मतदाताओं पर इसका क्या असर होगा?

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