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The taxation laws are unambiguous and unblemished related to the supply of goods and services by or to SEZ.
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि झारखंड ने GST की कमी को पूरा करने के लिए कर्ज की केंद्र की योजना को स्वीकार कर लिया है. और उसे स्पेशल विन्डो के जरिए 1,689 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसके साथ तीन केंद्र शासित प्रदेशों, जहां विधानसभाएं हैं और सभी 28 राज्यों ने जीएसटी कलेक्शन में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र की उधारी योजना को स्वीकार कर लिया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सभी 28 राज्यों और विधानसभा वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों ने जीएसटी लागू होने की वजह से राजस्व कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 को अपनाने का फैसला किया है.
बयान के मुताबिक, केवल एक बचा हुए राज्य झारखंड ने अब विकल्प-1 को अपनाने की सूचना दी है. केंद्र शासित राज्यों दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और पुडुचेरी ने विकल्प-1 को स्वीकार किया है.
केंद्र ने राज्यों की ओर से 30,000 करोड़ लिए उधार
केंद्र ने पहले ही राज्यों की ओर से पांच किस्तों में 30,000 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और इसे 26 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को 23 अक्टूबर, 2 नवंबर, 9 नवंबर, 23 नवंबर और 1 दिसंबर को दिया जा चुका है. कर्ज लेने के कार्यक्रम के अगले दौर में झारखंड और छत्तीसगढ़ को भी इस माध्यम से राशि मिलेगी. इस हफ्ते की शुरुआत में छत्तीसगढ़ ने विकल्प-1 को अपनाने की सूचना दी थी. मंत्रालय ने कहा कि 7 दिसंबर 2020 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगली किस्त के रूप में 6,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे.
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विकल्प-1 का चयन करने वाले राज्यों को जीएसटी के लागू होने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कर्ज लेने की विशेष सुविधा दी जाएगी. साथ ही इस विकल्प को स्वीकार करने पर राज्यों को आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के 0.50 फीसदी की आखिरी किस्त का कर्ज बिना किसी शर्त के लेने की इजाजत होगी. इस मिशन के तहत राज्य जीएसडीपी का कुल दो फीसदी उधार ले सकते हैं.