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एलोपैथी और एलोपैथ डॉक्टरों पर विवादित बयान देने के मामले में योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें आज और बढ़ गईं. (Image- PTI)
Allopath vs Ramdev: एलोपैथी और एलोपैथ डॉक्टरों पर विवादित बयान देने के मामले में योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें आज और बढ़ गईं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) उत्तराखंड ने रामदेव को 1 हजार करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है. इसके अलावा रामदेव से अगले 15 दिनों के भीतर विवादित बयान के खंडन और लिखित में माफी मांगने को कहा है. आईएमए उत्तराखंड के मुताबिक अगर 15 दिनों के भीतर वह वीडियो पोस्ट के जरिए अपने बयान का खंडन नहीं करते हैं और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1 हजार करोड़ रुपये की मांग की जाएगी.
IMA Uttarakhand sends a defamation notice of Rs 1000 cr to Yog Guru Ramdev. The notice states that if he doesn't post a video countering the statements given by him and tender a written apology within the next 15 days, then a sum of Rs 1000 crores will be demanded from him. pic.twitter.com/c7RlLInXi3
— ANI (@ANI) May 26, 2021
रामदेव ने क्या दिया था बयान
आईएमए उत्तराखंड ने बाबा रामदेव को भेजे गए नोटिस में कहा है कि वह लिखित में माफी मांगें. ऐसा न करने की स्थिति में आईएमए उत्तराखंड उत्तराखंड राज्य में अपने लगभग दो हजार सदस्यों के लिए प्रति सदस्य 50 लाख रुपये की दर से से 1 हजार करोड़ रुपये की मांग करेगा. बता दें कि यह नोटिस बाबा रामदेव के उस बयान पर भेजा गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि एलोपैथिक दवाइयां खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है और उन्होंने एलोपैथी को दिवालिया साइंस कह दिया था. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के एतराज के बाद रामदेव ने इस बयान को वापस ले लिया था लेकिन उसके बाद उन्होंने एक बार फिर एलोपैथिक पद्धति पर सवाल उठाते हुए आईएमए से 25 सवाल किए.
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कोरोनिल किट के विज्ञापन पर क्या है डिमांड
आईएमए उत्तराखंड द्वारा भेजे गए नोटिस में 76 घंटे के अंदर दिव्य श्वासारि कोरोनिल किट के उस भ्रामक विज्ञापन को उन सभी जगहों से वापस लेने को कहा है जहां इसे कोरोना वैक्सीन लगने के बाद होने वाले साईड इफेक्ट के बुरे प्रभाव और कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रभावी दवाई देते हुए प्रचारित किया गया है. कोरोनिल किट का विज्ञापन 72 घंटे के भीतर वापस ने लेने की स्थिति में आईएमए उत्तराखंड ने एफआईआर और मानहानि को लेकर याचिका दायर करने की चेतावनी दी है.