scorecardresearch

Mohammed Zubair Case: AltNews के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज, 14 दिनों की न्यायिक हिरासत का आदेश

Mohammed Zubair Bail Plea Rejected: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आज आल्टन्यूज के मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका को खारिज कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश सुनाया है.

Mohammed Zubair Bail Plea Rejected: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आज आल्टन्यूज के मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका को खारिज कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश सुनाया है.

author-image
FE Hindi Desk
एडिट
New Update
Alt News co founder mohammed Zubair bail plea rejected sent to 14-day judicial custody

मोहम्मद जुबैर को चार दिनों की पुलिस रिमांड के बाद आज कोर्ट के सामने पेश किया गया था. (Image- File Photo)

Mohammed Zubair Bail Plea Rejected: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आज शनिवार (2 जुलाई) आल्टन्यूज (AltNews) के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने विवादित ट्वीट से जुड़े मामले में जुबैर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया है. जुबैर को चार दिनों की पुलिस रिमांड के बाद आज कोर्ट के सामने पेश किया गया था. दिल्ली पुलिस ने आल्टन्यूज के को-फाउंडर के ज्यूडिशियल कस्टडी की मांग की थी.

पुलिस ने इस मामले में आईपीसी सेक्शन 153 ए (अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने) और 295 ए (धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली गलत हरकत) के तहत शिकायत दर्ज की थी. इसके बाद आईपीसी के सेक्शन 301 (तथ्यों को मिटाना- फॉर्मेटेड फोन और डिलीट ट्वीट) और सेक्शन 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के साथ-साथ फॉरेन कांट्रिब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट, 2010 के सेक्शन 35 को आरोप पत्र में जोड़ा गया है.

Advertisment

मस्क-बेजॉस समेत टॉप अमीरों ने इस साल गंवाए 23 लाख करोड़, सिर्फ एक भारतीय की बढ़ी संपत्ति

जुबैर के वकील की दलील रही फेल

मोहम्मद जुबैर की वकील वृन्दा ग्रोवर ने अदालत में तर्क दिया कि जिस ट्वीट की जिस तस्वीर को लेकर यह मामला जुड़ा है, वह ऋषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee) की फिल्म 'किसी से ना कहना' से है. यह एक प्यारी कॉमेडी मूवी है और इसे सेंसर बोर्ड ने पास किया था. वहीं इस मामले में फोन फॉर्मेट किए जाने को लेकर ग्रोवर ने कहा कि एफआईआर को लेकर जानकारी नहीं थी और फोन के लिए समन नहीं जारी हुआ था. इसे फॉर्मेट करना अवैध नहीं है. यह कोई हथियार या ड्रग नहीं है.

Mohammed Zubair Case: ऑल्टन्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर यूएन की प्रतिक्रिया, ट्वीट के लिए जेल भेजने को बताया गलत

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पाकिस्तान और सीरिया जैसे देशों से डोनेशन हासिल हो रहे हैं और इसलिए यह सिर्फ एक साधारण ट्वीट का मामला नहीं है. यह केस किसी खास समय से नहीं जुड़ा है और चूंकि ट्वीट अभी भी मौजूद है तो अभी भी गैरकानूनी हरकत हो रही है. जब फिल्म रिलीज हुई थी तो उस समय इंटरनेट नहीं था. आरोपी मीडिया पर्सन है और उसने चालाकी से सब कुछ डिलीट कर दिया. इन सब परिस्थितियों को देखते हुए जमानत याचिका को खारिज किया जाना चाहिए. फोन से डेटा हटाने को लेकर भी एफआईआर जरूरी है.

भारतीय किसानों की सब्सिडी के खिलाफ अमेरिकी सांसद, राष्ट्रपति बिडेन को भारत से WTO में बातचीत का किया आग्रह

ये है मामला

जुबैर को 2018 में पोस्ट किए गए विवादित ट्वीट को लेकर की गई शिकायत के आधार पर हिरासत में लिया गया था. हनुमान भक्त नाम के यूजर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट ने मोहम्मद जुबैर को धार्मिक भावनाओं को भड़काने और अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था.

खास बात यह है कि जिस ट्विटर खाते @balajikijaiin ने जुबैर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, वह अब एग्जिस्ट नहीं है यानी कि वह या तो डीएक्टीवेट हो चुका है या डिलीट. इसे लेकर पुलिस का कहना कि हनुमान भक्त तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. जिस दिन जुबैर को हिरासत में लिया गया था, उस दिन इस आईडी से एक ट्वीट पब्लिश हुआ था और इसके एक फॉलोअर थे और जल्द ही इसके 1200 फॉलोअर्स हो गए.

(Input: ANI, Indian Express)

Delhi Police