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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अनिल कपूर की तस्वीरों को मॉर्फ करके दूसरी अभिनेत्रियों के साथ इस्तेमाल करना सिर्फ अनिल कपूर ही नहीं, बल्कि उन दूसरी अभिनेत्रियों के अधिकारों का भी हनन है. (Photo : Instagram/ Anil Kapoor)
Delhi HC restrains misuse of personality attributes of actor Anil Kapoor including the "jhakaas" catchphrase: हिंदी फिल्मों के जानेमाने अभिनेता अनिल कपूर के हक में दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा है कि कपूर के मशहूर डायलॉग ‘झकास’ समेत ऐसी कई चीजें हैं, जो उनकी शख्सियत के साथ पूरी तरह जुड़ी हुई हैं. लिहाजा, अनिल कपूर की मर्जी के बिना उनका व्यावसायिक इस्तेमाल कोई और नहीं कर सकता. बुधवार को यह फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने अनिल कपूर की तरफ से पेश याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया.
कोर्ट ने ‘झकास’ को अनिल कपूर के व्यक्तित्व का हिस्सा माना
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कोई भी वेबसाइट और दूसरे प्लेटफार्म अपने व्यावसायिक लाभ के लिए अभिनेता अनिल कपूर के नाम, इमेज, आवाज और मशहूर तकिया कलाम "झकास" समेत उनके व्यक्तित्व की विशेषताओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते. जस्टिस सिंह ने 67 साल के अनिल कपूर के पक्ष में यह एकतरफा अंतरिम आदेश फिल्म स्टार के वकील की दलीलों को सुनने के बाद पारित किया. इससे पहले अनिल कपूर के वकील ने याचिका पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के व्यक्तित्व और सेलिब्रिटी के तौर पर उनकी पहचान का गलत ढंग से व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है.
अनिल कपूर की ओर से पेश वकील प्रवीण आनंद ने कहा कि कई वेबसाइट और प्लेटफॉर्म विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनके मुवक्किल के व्यक्तित्व से जुड़ी खूबियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. कपूर के वकील ने कहा कि अपना सामान बेचने के लिए उनकी तस्वीर का अनधिकृत तरीके से उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा उनकी इमेज को अपमानजनक तरीके से बदला जा रहा है और उनके जाली ऑटोग्राफ और "झकास" शब्द का इस्तेमाल करके जीआईएफ इमेज और स्टिकर के साथ तस्वीरें बेची जा रही हैं.
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मराठी भाषा का शब्द है ‘झकास’
वकील ने अदालत को बताया कि "झकास", एक मराठी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है शानदार. इस शब्द को अनिल कपूर ने पहली बार 1985 की फिल्म 'युद्ध' में इस्तेमाल किया था. इसे बोलने के उनके अनूठे तरीके के कारण यह डॉयलॉग अब खास तौर पर अनिल कपूर से जुड़ चुका है. याचिका में कपूर के नाम, आवाज, छवि, समानता, बोलने के तरीके और हावभाव समेत उनके व्यक्तित्व के तमाम पहलुओं की सुरक्षा की मांग की गई है.
याचिका में 'लखन', 'मिस्टर इंडिया' ', 'मजनू भाई' और 'नायक' का भी जिक्र
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता की तरफ से दायर याचिका में दो करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करते हुए कहा गया है कि अनिल कपूर पिछले 30 से अधिक सालों से फिल्मों, धारावाहिकों और वेब सीरीज में किए गए अपने काम के कारण दुनिया भर में जाने जाते हैं और किसी को भी उनके व्यक्तित्व के किसी भी पहलू का दुरुपयोग करने या नकल करने का अधिकार नहीं है. याचिका में कहा गया है कि अनिल कपूर का "झकास" बोलना उनकी खास पहचान है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने विज्ञापनों समेत कई मौकों पर किया है. याचिका में अनिल कपूर के नाम, उसके संक्षिप्त रूप 'एके' या फिल्मों के माध्यम से लोकप्रिय हुए किरदारों के नाम, मसलन - 'लखन', 'मिस्टर इंडिया' ', 'मजनू भाई' और 'नायक' का उल्लेख भी किया गया है. इन नामों को भी अनिल कपूर से जुड़ा हुआ बताया गया है.
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हाई कोर्ट ने फैसले में क्या कहा
जस्टिस सिंह ने अपने फैसले में कहा कि अनिल कपूर के नाम, आवाज, संवाद, छवि का अवैध तरीके से उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, वह भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए. अदालत उनके व्यक्तित्व के इस तरह के दुरुपयोग पर आंखें नहीं मूंद सकती. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रतिवादी संख्या 1-16 को किसी भी तरह से अनिल कपूर के नाम, छवि, आवाज या उनके व्यक्तित्व की किसी भी अन्य विशेषता का उपयोग करने का हक नहीं है. साथ ही वो किसी भी माल को बनाने, बेचने, रिंगटोन बनाने या किसी भी तरह से उनका दुरुपयोग नहीं कर सकते. अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे इस तरह के आपत्तिजनक प्लेटफार्मों को निलंबित और ब्लॉक करने के लिए कार्रवाई करें.