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Apple, Google, Netflix, Amazon के अफसरों की संसदीय समिति में पेशी, प्रतिस्पर्धा विरोधी बर्ताव पर देना है जवाब

वित्तीय मामलों की स्थायी संसदीय समिति डिजिटल मार्केट में प्रतिस्पर्धा से जुड़े तमाम पहलुओं पर कर रही है विचार, समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने दी जानकारी

वित्तीय मामलों की स्थायी संसदीय समिति डिजिटल मार्केट में प्रतिस्पर्धा से जुड़े तमाम पहलुओं पर कर रही है विचार, समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने दी जानकारी

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FE Hindi Desk
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Parliament india

The proposed Bill is the latest effort by the government in this direction, according to officials.

Apple, Google, Netflix, Amazon India to depose before Parliamentary panel : जानीमानी टेक कंपनियों के आला अफसर आज वित्तीय मामलों की संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. जिन कंपनियों की भारतीय इकाइयों के अधिकारी समिति के सामने पेश होंगे उनमें एपल (Apple), गूगल (Google), नेटफ्लिक्स (Netflix) और अमेज़न (Amazon) शामिल हैं. यह जानकारी समिति के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने दी है. इन अधिकारियों को समिति के सामने भारत के डिजिटल मार्केट में अपनी कंपनियों के प्रतिस्पर्धा विरोधी तौर-तरीकों के बारे में जवाब देना होगा.

समिति में क्यों हो रही है टेक कंपनियों की पेशी

जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्तीय मामलों की स्थायी संसदीय समिति भारत के डिजिटल मार्केट में प्रतिस्पर्धा से जुड़े तमाम पहलुओं पर विचार कर रही है. संसदीय समिति खासतौर पर बड़ी टेक कंपनियों पर नजर रख रही है. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक बैठक का एजेंडा बड़ी टेक कंपनियों के प्रतिस्पर्धा विरोधी बर्ताव के बारे में उनके प्रतिनिधियों के मौखिक बयान साक्ष्य के तौर पर दर्ज करना है. सिन्हा ने बताया कि समिति के सामने एपल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, गूगल और नेटफ्लिक्स की भारतीय इकाइयों के अलावा कुछ अन्य टेक कंपनियों के प्रतिनिधि भी पेश होंगे.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री व झारखंड के हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने बताया कि वित्तीय मामलों की स्थायी संसदीय समिति इस मुद्दे पर कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI), केंद्र सरकार के कॉरपोरेट मंत्रालय और भारतीय टेक कंपनियों के साथ पहले ही विचार-विमर्श कर चुकी है. इससे पहले संसदीय समिति फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato), ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) कैब एग्रीगेटर ओला (Ola), होटल एग्रीगेटर ओयो (OYO) और ऑल इंडिया गेमिंग एसोसिएशन (All India Gaming Association) के अफसरों को भी पेशी के लिए बुला चुकी है. 

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CCI भी कर रहा है शिकायतों की जांच

देश में कई टेक्नॉलजी प्लेटफॉर्म्स और फर्म्स के खिलाफ प्रतिस्पर्धा विरोधी तौर-तरीके अपनाने की शिकायतें समय-समय पर सामने आती रही हैं. इनमें से कई शिकायतों की जांच कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) पहले से ही कर रहा है. खासतौर पर डिजिटल कारोबार में अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिस (unfair business practices) यानी गलत कारोबारी तौर-तरीके अपनाने की शिकायतें बड़े पैमाने पर सामने आती रही हैं. सीसीआई ने इस सिलसिले में 28 अप्रैल को संसदीय समिति के सामने एक प्रेजेंटेशन भी दिया था, जिसमें डिजिटल मार्केट प्लेस में प्रतिस्पर्धा से जुड़े तमाम पहलुओं की जानकारी दी गई थी.